उत्तराखंड देहरादूनDeodar trees cut illegally in Chakrata Kanasar Range

उत्तराखंड: देवदार के पेड़ों का बेरहमी से कत्ल, बुलाए गए प्रोफेशनल लोग, जंगल में ही दफनाए हथियार

पेड़ काटने के लिए बाहर से प्रोफेशनल लोग हायर किए गए थे। इनमें से कुछ ठेकेदारी करते हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Dehradun Chakrata Kanasar Range: Deodar trees cut illegally in Chakrata Kanasar Range
Image: Deodar trees cut illegally in Chakrata Kanasar Range (Source: Social Media)

देहरादून: चकराता....देहरादून के करीब बसा खूबसूरत पहाड़ी शहर। यहां करीब एक हजार देवदार के पेड़ काट दिए गए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को कानोंकान खबर तक न हुई।

Deodar trees cut illegally in Chakrata Kanasar Range

जब तक वन महकमे की नींद टूटी, तब तक एक हजार पेड़ साफ हो चुके थे। तस्करों ने कनासर रेंज में संरक्षित वन प्रजाति के देवदार के पेड़ काटने के लिए पॉवर चेन शॉ यानी ट्री कटर जैसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। बाद में इन हथियारों को पॉलिथीन में पैक कर कहीं दफना दिया गया। प्रभाग के स्तर पर हुई जांच में और भी कई बड़े खुलासे हुए हैं। ये भी पता चला है कि पेड़ काटने के लिए बाहर से प्रोफेशनल लोग हायर किए गए थे। इनमें से कुछ ठेकेदारी भी करते हैं। आगे पढ़िए

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खास बात ये है कि क्षेत्र में साल 2008 से अब तक पेड़ काटने के महज 8 से 10 केस दर्ज किए गए। इस तरह क्षेत्र में सालों से पेड़ कट रहे थे, लेकिन वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सोये रहे। जिन लोगों के घर से काटे गए पेड़ों के स्लीपर और फट्टे मिले हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। वह इस मामले में संलिप्त थे या नहीं, यह भी उन्हें खुद ही सिद्ध करना होगा। यमुना वृत्त के वन संरक्षक डॉ. विनय भार्गव ने कहा कि पेड़ों को काटने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किए जाने के सबूत मिले हैं। इन मशीनों की तलाश की जा रही है। मामले में प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो व्यापक स्तर पर जांच कर एक माह में अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी।