उत्तराखंड देहरादूनNGT suggestions to save Mussoorie

मसूरी को बचाना है, इतना बोझ नहीं झेल पाएगा ये शहर, ऐसे ही चलता रहा तो सब बर्बाद हो जाएगा

वीकेंड पर मसूरी में जगह-जगह जाम की समस्या देखने को मिलती है, जिससे पर्यटक तो परेशान होते ही हैं, शहर में प्रदूषण भी बढ़ रहा है।

Mussoorie tourist heavy load: NGT suggestions to save Mussoorie
Image: NGT suggestions to save Mussoorie (Source: Social Media)

देहरादून: मसूरी....उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक। हर साल लाखों पर्यटक इस शहर का दीदार करने पहुंचते हैं, इससे सरकार को राजस्व तो मिलता है, लेकिन शहर पर बोझ भी बढ़ रहा है।

NGT suggestions to save Mussoorie

वीकेंड पर यहां जगह-जगह जाम की समस्या देखने को मिलती है, जिससे पर्यटक तो परेशान होते ही हैं, शहर में प्रदूषण भी बढ़ रहा है। इन तमाम समस्याओं से मसूरी को बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने कुछ सुझाव दिए हैं। एनजीटी ने यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या सीमित करने की सिफारिश की है। ये भी कहा है कि मसूरी आने वाले पर्यटकों से रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाए और इस रकम को शहर के कूड़ा प्रबंधन और स्वच्छता पर खर्च किया जाए। भूकंप की दृष्टि से मसूरी जोन 4 में है। दरअसल कुछ समय पहले जोशीमठ में हुए भूधंसाव को लेकर मीडिया में एक खबर छपी थी। जिसमें जोशीमठ की घटना को मसूरी के लिए एक चेतावनी बताया गया था। आगे पढ़िए

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इस पर संज्ञान लेते हुए इसी साल जनवरी में एनजीटी ने एक समिति का गठन किया था। समिति को मसूरी की वहन क्षमता का अध्ययन करके रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। समिति ने ट्रिब्यूनल में पेश अपनी रिपोर्ट में कई नियामक कदमों का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि मसूरी आने वाले पर्यटकों का रजिस्ट्रेशन मसूरी की वहन क्षमता, खासकर उपलब्ध पार्किंग, स्थान, होटल और रिजॉर्ट की उपलब्धता के अनुसार होना चाहिए। साल 2000 के बाद से ही यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साल 2022 में 11 लाख 73 हजार से ज्यादा लोग यहां घूमने पहुंचे थे। इससे अनियमित और अनियंत्रित निर्माण, अपशिष्ट उत्पाद, स्वच्छता और सीवेज समस्याओं के चलते पानी की कमी हुई है। सड़कों पर भीड़भाड़ और जाम की वजह से शहर में प्रदूषण बढ़ा है। इन समस्याओं को देखते हुए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को सीमित किए जाने की जरूरत है।