देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लोग जहां बाघ-गुलदार की दहशत का सामना कर रहे हैं तो वहीं शहरी इलाकों में कुत्तों ने आतंक मचाया हुआ है।
People troubled by stray dog in Dehradun
राजधानी देहरादून में भी लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। आवारा कुत्तों ने लोगों का चैन छीन लिया है। गली-मोहल्लों में कुत्ते राह चल रहे लोगों-बच्चों पर हमला कर रहे हैं। बीते दिन दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में डेढ़ सौ लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि समस्या कितनी गंभीर है। मेडिकल कॉलेज के इंजेक्शन कक्ष में डेढ़ सौ से ज्यादा पीड़ित लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इनमें से 75 लोग पहली डोज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। शहर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय, जिला चिकित्सालय में भी डॉग बाइट से पीड़ित 55 मरीजों को इंजेक्शन लगाए गए। आगे पढ़िए
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दून अस्पताल में पीड़ित मरीजों से एंटी रेबीज सीरम बाहर से मंगवाए जा रहे हैं। यह मोनो क्लोनल एंटीबॉडी होता है, और जहां कुत्ता काटता है, उस जगह पर हुए जख्म पर इंजेक्शन के जरिए लगाया जाता है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि अस्पताल में डॉग बाइट के केस प्रॉपर तरीके से हैंडल किए जा रहे हैं। अस्पताल में वैक्सीन की कमी नहीं है। अगर कुत्ता काट ले तो लापरवाही न बरतें। ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। कुत्ते द्वारा काटे जाने पर पीड़ित को तुरंत टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना चाहिए, साथ ही 24 घंटे के भीतर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा लें। डॉक्टर से सलाह लेकर एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स करें। सावधान रहें और इलाज में देरी न करें।