उत्तराखंड हरिद्वारAjay and Dev came to Haridwar with their mother sitting on the kanwar

उत्तराखंड में कलयुग के श्रवण कुमार, कांवड़ पर मां को बैठाकर गंगाजल लेने आए अजय और देव

नोएडा के अजय और बुलन्दशहर के देव ने पेश की मिसाल, वृद्ध माओं को लेकर पहुंचे हरिद्वार, पढ़िए पूरी खबर

Haridwar Kanwar Yatra: Ajay and Dev came to Haridwar with their mother sitting on the kanwar
Image: Ajay and Dev came to Haridwar with their mother sitting on the kanwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: जहां एक ओर कलयुगी बच्चे अपने माँ पिता को बुढ़ापे में बेघर कर देते हैं, वृद्धाश्रम छोड़ देते हैं

Kanwar Yatra Special Haridwar

वहीं बुलंदशहर और नोएडा के दो बेटों ने यह साबित किया है कि आज भी बच्चों के हृदय में मां पिता के प्रति इज्जत और सम्मान है। कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। कई बुजुर्गों का यह सपना होता है कि वे कांवड़ यात्रा करें मगर ज्यादा उम्र और बच्चों पर निर्भरता के चलते कईयों का सपना अधूरा ही रह जाता है। मगर हाल ही में हरिद्वार में एक बेटा कांवड़ में एक तरफ अपनी मां और दूसरी तरफ 51 किलोग्राम गंगाजल लेकर पहुंचा। कलयुग के इस समय में जहां बच्चे अपने माता-पिता से किनारा कर रहे हैं। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए श्रवण कुमार बन अपनी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। आगे पढ़िए

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उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इटेड़ा के रहने वाले अजय कुमार और बुलंदशहर के धराऊं के देव ऐसे ही दो श्रवण हैं। अजय अपने कंधों पर कांवड़ में एक तरफ अपनी मां बाला देवी और दूसरी तरफ 51 किलोग्राम गंगाजल लेकर हरिद्वार से घर की ओर रवाना हुए। वहीं बुलंदशहर के देव भी अपनी 100 साल की मां सरस्वती को कांवड़ पर बैठाकर बुलंदशहर से हरिद्वार की ओर निकले। हर की पैड़ी से गंगाजल लेकर घर की ओर रवाना हुए। दोनों को इस तरह से जिसने भी देखा, उनका दिल गदगद हो गया। लोगों ने देव और अजय को खूब आशीर्वाद दिए।