देहरादून: उत्तराखंड में हर दिन होने वाले सड़क हादसे गंभीर समस्या हैं। कभी खराब सड़कें तो कभी रफ्तार का जुनून लोगों की मौत की वजह बनते हैं।
Vehicles speed limit will be fixed in Uttarakhand
जब तमाम अभियान चलाने के बाद भी सड़क हादसे कम नहीं हुए तो सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन मुख्यालय को एक बड़ा फैसला लेना पड़ा। परिवहन मुख्यालय ने वाहनों की अधिकतम स्पीड लिमिट तय करने का फैसला लिया है। सभी संभागीय परिवहन प्राधिकरण अपने जिलों में रफ्तार के मानक से जुड़ा प्रस्ताव मुख्यालय को देंगे। इसी कड़ी में देहरादून संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में रफ्तार के मानक तय किए हैं। इनमें दोपहिया वाहनों की रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा तय की गई है। इसी प्रकार कार की 45 और बड़े वाहनों की रफ्तार 35 किमी प्रति घंटा की गई है। प्रदेश में अभी केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार ही वाहनों का संचालन किया जा रहा है, हालांकि इस पर भी सवाल उठते रहे हैं। आगे पढ़िए
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दरअसल केंद्र के मानकों में राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गों पर वाहनों की रफ्तार के मानक तय हैं। जबकि प्रदेश में अभी तक गति के मानक एक संभाग में भी अलग-अलग थे। प्राधिकरण की ओर से जो स्पीड लिमिट तय की गई थी, उस पर भी सवाल उठते रहे हैं। इसके अनुसार वाहनों की रफ्तार इतनी कम कर दी गई कि पर्वतीय क्षेत्रों में इस गति से इनका चढ़ना भी मुश्किल है। परिवहन मुख्यालय को भी ये बात पता है। यही वजह है कि मुख्यालय ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों से कहा है कि गति सीमा निर्धारित करते हुए व्यवहारिकता का भी ध्यान रखा जाए। मानकों के अलग-अलग होने से चालान काटने में भी परेशानी होती थी, क्योंकि कई मामलों में चालान में जो गति सीमा अंकित की गई होती थी, वह केंद्रीय मानकों से कम थी। कुछ चालानों को कोर्ट में चुनौती भी दी गई। ऐसे में वाहन की गति सीमा मानक में अंतर को देखते हुए अब परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश में नए सिरे से गति सीमा तय करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मुख्यालय ने सभी संभागीय परिवहन प्राधिकरण को अपने क्षेत्रों में गति सीमा का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं।