उत्तराखंड हल्द्वानीHaldwani two daughters gave mukhagni to her late father

हल्द्वानी की दो बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, परंपराओं को तोड़कर पिता की चिता को दी मुखाग्नि

हिंदू धर्म में कहा जाता है कि बेटा या फिर परिवार का कोई पुरुष सदस्य पिता की चिता को मुखाग्नि देता है, लेकिन सोनू और तारा ने इस रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ दिया।

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Image: Haldwani two daughters gave mukhagni to her late father (Source: Social Media)

हल्द्वानी: बदलते वक्त के साथ समाज में बेटियों की स्थिति भी बदली है। अब वो रुढ़िवादी परंपराओं को दरकिनार कर बेटों के समान हर फर्ज निभा रही हैं।

Daughters gave mukhagni to her late father in Haldwani

नैनीताल में भी दो बेटियों ने पिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार की हर रस्म पूरी कर बेटों का फर्ज निभाया। गम के माहौल में दोनों बेटियों ने अपनी हिम्मत बनाए रखी। उन्होंने पिता की अर्थी को न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि चिता बनाने में सहयोग करने के बाद मुखाग्नि देकर पिता को अंतिम विदाई भी दी। भावुक कर देने वाली ये खबर हल्द्वानी की है। यहां लालकुआं में रहने वाले मिठाई विक्रेता कृष्णानंद खोलिया का लंबी बीमारी की वजह से निधन हो गया था। 58 साल के कृष्णानंद अपने पीछे पत्नी शोभा और दो बेटियों सोनू और तारा को छोड़ गए हैं। उनका कोई बेटा नहीं है। आगे पढ़िए

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Haldwani krishnanand kholia daughters

हिंदू धर्म में कहा जाता है कि बेटा या फिर परिवार का ही कोई सदस्य पिता की चिता को मुखाग्नि देता है, लेकिन सोनू और तारा ने इस रूढ़िवादी परंपरा को नहीं माना। दोनों बेटियों ने पहले अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और उसके बाद मुखाग्नि दी थी। सोनू और तारा पिता के जाने के बाद टूट गई हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी हिम्मत बनाए रखी। साथ ही अपनी मां को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रही हैं। अंतिम संस्कार के दौरान दोनों बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया। बाद में वो शवयात्रा के साथ श्मशान घाट पहुंचीं और पिता की चिता को मुखाग्नि देकर संतान होने का फर्ज निभाया। इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स गमगीन नजर आया।