देहरादून: हाल ही में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट को लेबल 2 की कैटेगरी में डाल दिया।
Dehradun airport got level 2 category
लेबल 2 में आने के बाद एयरपोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर, उसकी सुविधाएं अपग्रेड की जाती हैं। यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होने से अब देहरादून एयरपोर्ट में भी अपग्रेडेशन का कार्य जोरों शोरों से चल रहा है। एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का प्रेशर, फ्रीक्वेंसी बढ़ेगी, जिस वजह से अब यहां 10 पार्किंग स्टैंड्स कोड-सी (बडे एयरक्राफ्ट) और 10 पार्किंग स्टैंड्स कोड-बी (छोटे एयरक्राफ्ट) को आराम से एयरपोर्ट पर खड़ा किया जा सकेगा। इससे देहरादून आने वाले विमानों के साथ ही आसपास के अन्य एयरपोर्ट को भी इसका लाभ मिलेगा। दरअसल देहरादून एयरपोर्ट के फेज टू का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। जिसके पूरा होने के बाद एयरपोर्ट पर विमानों के पार्किंग स्टैंड्स की संख्या 11 से बढ़कर 20 हो जाएगी। अबतक यहां केवल दस विमान खड़े हो पाते थे। आगे पढ़िए
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अपग्रेडेशन के बाद यहां दस छोटे और दस बड़े विमान आसानी से खड़े किए जा सकेंगे। इसके तैयार होने के बाद दिल्ली में खराब मौसम या आपात स्थिति में विमानों को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर आसानी से लैंड कराया जा सकेगा। एयरपोर्ट महाप्रबंधक प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि कार्य पूरा होने के बाद टर्मिनल का एरिया बढ़कर 42776 वर्ग मीटर हो जाएगा। यह पुराने टर्मिनल के मुकाबले करीब दस गुना ज्यादा जगह होगी। नए टर्मिनल का करीब 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। टर्मिनल का काम पूरा होने के बाद यात्रियों की क्षमता बढ़कर 1800 पैसेंजर तक पहुंच जाएगी। वहीं चैक-इन काउंटर भी 36 हो जाएंगे। ऐसे में यात्रियों को चैकिंग आदि में लगने वाले समय की बचत होगी।फेज 2 का काम हो जाने के बाद 20 विमानों को लैंड कराने की सुविधा एयरपोर्ट में दी जाएगी। इससे देहरादून आने वाले विमानों के साथ ही आसपास के अन्य एयरपोर्ट को भी इसका लाभ मिलेगा। सबसे बड़ा फायदा दिल्ली एयरपोर्ट पर होगा। क्योंकि दिल्ली लैंड वाली फ्लाइट्स को खराब मौसम या आपात स्थिति में डायवर्ट कर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड कराया जा सकेगा।