देहरादून: उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए राफ्टिंग एक बड़ा आकर्षण होता है। अब राफ्टिंग के जरिए उत्तराखंड के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
River rafting operation fee waived in Uttarakhand
इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने बड़ा कदम उठाया है। शासन ने प्रदेश में गंगा को छोड़कर अन्य नदियों में राफ्टिंग शुल्क माफ कर दिया है। पर्यटन विभाग के इस कदम से प्रदेश में रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग जैसी एक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। संबंधित क्षेत्रों में राफ्टिंग व कयाकिंग गतिविधियां संचालित कर रहे ऑपरेटरों को भी राहत मिलेगी। शासन के निर्देश के बाद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। आगे पढ़िए
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बता दें कि गंगा में प्रति राफ्ट पर 13764 रुपये शुल्क लिया जाता है। जबकि काली, यमुना, टौंस व अलकनंदा में यह शुल्क 6108 रुपये और अन्य नदियों में 4190 रुपये प्रति राफ्ट निर्धारित है। गंगा नदी में राफ्टिंग व कयाकिंग जैसी गतिविधियां लगातार चल रही हैं, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। अब प्रदेश की अन्य नदियों में भी वाटर स्पोर्टस संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इसके लिए सरकार ने गंगा को छोड़कर अन्य नदियों में राफ्टिंग व कयाकिंग सेवा के संचालकों का तीन साल का शुल्क माफ करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से काली, सरयू और रामगंगा समेत अन्य नदियों में राफ्टिंग व कयाकिंग संबंधी गतिविधियां तेज होंगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही राफ्टिंग व कयाकिंग गतिविधियां संचालित कर रहे ऑपरेटरों को भी राहत मिलेगी।