देहरादून: उत्तराखंड में मजार बनाकर जमीनें कब्जाने का खेल अब बंद होने जा रहा है। पिछले दिनों पछवादून में अवैध मजारों को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया गया।
Illegal tombs will demolished in Uttarakhand
राज्य सरकार मजार बनाकर सरकारी जमीनें कब्जाने वालों को चेतावनी दे रही है। लगातार कार्रवाई कर सरकार ने साफ कर दिया है कि मजार जेहाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा कि देवभूमि के सनातन स्वरूप को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। मजार जेहाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि सिर्फ पछवादून ही नहीं प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भी समुदाय विशेष ने मजारें बनाकर सरकारी जमीन कब्जा ली है। वन विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई थी कि वन्य भूमि पर एक हजार से भी ज्यादा अवैध मजारें बनाकर कब्जे किए गए हैं। इनकी आढ़ में असामाजिक तत्व यहां बस जाते हैं।
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जिस रिजर्व फॉरेस्ट में मानव प्रवेश पर पाबंदी है वहां पर मजार बन रही हैं। एक सर्वे में यह भी पता चला है कि सड़क किनारे और सरकारी जमीनों पर ज्यादातर मजारें कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2004 के आसपास बनी। फिर जब साल 2012 में कांग्रेस की सरकार आई तो यहां फिर से मजार जेहाद चला। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह कोई पीर-बाबाओं की मजारें नहीं है बल्कि मजार जेहाद का एक हिस्सा है। उन्होंने जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं। पिछले दिनों चलाए गए अभियान के तहत सौ से ज्यादा मजारें वन विभाग ने ध्वस्त कर दी हैं जबकि अन्य मजारों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी जल्द होगी। सरकार द्वारा टास्क फोर्स बना कर जांच की जा रही है। इसी कड़ी में विकासनगर से अवैध कब्जे हटवाए गए हैं। जब तक सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटा नहीं दिया जाता, तब तक सरकार का यह अभियान जारी रहेगा। सीएम ने ऐसे लोगों को भूमाफिया की श्रेणी में रख कर उन पर गैंगस्टर, रासुका जैसे कानून लगाने की चेतावनी भी दी है।