उत्तराखंड देहरादूनmussoorie dehradun road roadways bus accident

उत्तराखंड: एक हाथ से स्टेयरिंग थामकर गुटखा खाने लगा ड्राइवर, खाई में गिरी बस..3 मौत, 38 घायल

घायलों ने बताया कि बस का ड्राइवर इतने नशे में था कि उससे ठीक से बोला तक नहीं जा रहा था। बस में सवार हर शख्स की जिंदगी दांव पर लगी हुई थी।

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Image: mussoorie dehradun road roadways bus accident (Source: Social Media)

देहरादून: पहाड़ी इलाकों में सफर करते वक्त लोगों की जिंदगी हर वक्त दांव पर लगी रहती है। कभी बदहाल सड़कें और खराब मौसम तो कभी चालक की लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ जाती है।

Mussoorie dehradun road roadways bus accident

रविवार को भी यही हुआ। मसूरी-देहरादून मार्ग एक रोडवेज बस खाई में गिर गई। हादसे के वक्त बस में 40 लोग सवार थे, जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई। 38 लोग घायल हुए हैं। घायलों ने बताया कि बस चला रहा ड्राइवर नशे में था। जहां पर चालक ने नियंत्रण खोया, वहां न तो कोई बड़ा मोड़ था और न ही अन्य रुकावट। चालक ने एक हाथ से स्टेयरिंग संभाला हुआ था और दूसरे से मुंह में गुटखा डालने लगा, तभी बस खाई में चली गई। अन्य घायलों ने भी बताया कि ड्राइवर ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। बस को चलाते ही उसने तेज आवाज में गाने बजाने शुरू कर दिए। गानों पर झूम रहा ड्राइवर हर मोड़ पर अजीब तरह से गाड़ी मोड़ रहा था। साफ लग रहा था कि गाड़ी के साथ हादसा होने वाला है। दुर्भाग्य से यही हुआ। आगे पढ़िए

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ड्राइवर ने गुटखा जैसे ही मुंह में डाला, अगले ही पल गाड़ी खाई में चली गई। हादसे में घायल मुकुल सिसौदिया की 15 फरवरी को शादी हुई थी। वो पत्नी रजनी के साथ मसूरी घूमने आए थे। मुकुल परिवार के इकलौते बेटे हैं। हादसे में उनकी और पत्नी की जान बड़ी मुश्किल से बच सकी। 6 बच्चे भी हादसे में घायल हुए हैं, जिन्हें काफी चोट लगी है। बस हादसा मसूरी से पांच किमी पहले मसूरी देहरादून हाईवे पर शेर घड़ी के पास हुआ है। जिसमें सुधा पत्नी सुधाकर लखेड़ा निवासी बाराकैंची, मसूरी उम्र 40 वर्ष व महक पुत्री सुधाकर लखेड़ा उम्र 15 वर्ष की मौत हो गई। बस के कंडक्टर विक्रम सिंह बिष्ट को पैर और सिर में चोट आई है। विक्रम ने बताया कि वह 2013 से बस के कंडक्टर का काम कर रहे हैं। जो ड्राइवर बस चला रहा था, वह उसको पहली बार मिले थे। इस दौरान घायलों के लिए आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवान देवदूत बनकर आए। आईटीबीपी अकादमी से 130 जवानों और अधिकारियों ने तत्काल घटना स्थल पहुंचकर बिना किसी देरी के रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया और इस तरह 38 लोगों की जान बचा ली गई।