उत्तराखंड देहरादूनGairsain will become capital of Uttarakhand says Ritu Khanduri

..तो बदल जाएगी उत्तराखंड की राजधानी? विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बताया नाम

Uttarakhand New Capital Gairsain बीते सालों में राजनीतिक दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने को लेकर सियासत तो करते रहे, लेकिन उस पर अमल किसी ने नहीं किया।

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Image: Gairsain will become capital of Uttarakhand says Ritu Khanduri (Source: Social Media)

देहरादून: गैरसैंण...उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी। मौजूदा समय में यहां विधानसभा सत्र भी चलता है, लेकिन गैरसैंण को पहाड़ी प्रदेश की राजधानी का गौरव कभी नहीं मिल सका।

Gairsain will become capital of Uttarakhand

राजनीतिक दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने को लेकर सियासत तो करते रहे, लेकिन उस पर अमल किसी ने नहीं किया। हालांकि बीजेपी सरकार में गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने की उम्मीद जरूर दिख रही है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया और वही अब इसे स्थाई राजधानी भी बनाएगी। अपने कुमाऊं भ्रमण के दूसरे दिन बुधवार को ऋतु खंडूड़ी ने अल्मोड़ा सर्किट हाउस में पत्रकारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने स्थाई राजधानी से लेकर विधानसभा-सचिवालय में हुई भर्ती धांधली को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देहरादून राज्य की शीतकालीन राजधानी है। जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग पर बीजेपी सरकार गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाएगी। आगे पढ़िए

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इस दिशा में सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। इस बार का बजट सत्र गैरसैंण में ही आयोजित कराया जाएगा। बजट सत्र गैरसैंण में कराने के लिए विधानसभा सचिवालय पूरी तरह तैयार है। उन्होंने विधानसभा-सचिवालय में बीते सालों में हुई नियुक्तियों को लेकर कहा कि इसके लिए कोटिया समिति की रिपोर्ट पढ़ी जा सकती है। जिसे भी इस संबंध में जानकारी चाहिए, वो समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर सकता है। यह रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध है। पत्रकार वार्ता के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जिलाधिकारी से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बता दें कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किए जाने की मांग को लेकर तमाम संगठन लंबे वक्त से आंदोलनरत हैं। राज्य आंदोलन के दौरान गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग प्रमुख मांगों में से एक थी, लेकिन इसे दरकिनार करते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा दे दिया गया।