उत्तराखंड देहरादूनChhawla Kiran Negi case Supreme Court acquitted accused

जिन दरिदों ने किरन नेगी से गैंगरेप किया, शरीर तेजाब से जलाया..वो बाइज्जत बरी हो गए

Chhawla Kiran Negi Murder Case मां महेश्वरी देवी ने रोते हुए कहा कि 12 साल बाद बेटी के गुनाहगार बरी हो गए, वो बिटिया को इंसाफ नहीं दिला पाईं।

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Image: Chhawla Kiran Negi case Supreme Court acquitted accused (Source: Social Media)

देहरादून: 9 फरवरी 2012 की मनहूस शाम....19 साल की किरन ऑफिस से घर जा रही थी। तभी तीन दरिंदों ने उसे कार में अगवा कर लिया।

Chhawla Kiran Negi Murder Case

आरोपियों ने युवती संग गैंगरेप किया और इस दौरान हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं। कार में रखे औजारों से उसे पीटा, निजी अंग के साथ बर्बरता की और शरीर को सिगरेट से दागा। इसके बाद आरोपियों ने लड़की की आंखों में तेजाब डालकर उसे मार डाला। बेटी के घर नहीं पहुंचने पर परेशान परिवार वाले उसे तलाशने लगे, लेकिन मिली तो सिर्फ उसकी लाश। इस घटना को छावला गैंगरेप-मर्डर केस के नाम से जाना जाता है। दरिंदगी की शिकार हुई किरन नेगी के परिजनों ने अपनी बिटिया को इंसाफ दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। निचली अदालतों ने आरोपियों के गुनाह को देखते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, उसने किरन नेगी के परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसका दी। सर्वोच्च अदालत ने आरोपियों को कोई सजा ही नहीं सुनाई और तीनों आरोपी बरी हो गए। आगे पढ़िए

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फैसले के बारे में पता चलते ही किरन की मां महेश्वरी देवी फफक-फफक कर रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि निचली अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में करीब 8 साल लग गए। आरोपियों को उम्र कैद या आजीवन कारावास की सजा भी हो जाती तो कम से कम उनका दिल तो मान जाता, लेकिन सभी आरोपी बरी ही हो गए। मां महेश्वरी देवी सहित परिजन कोर्ट के इस फैसले से जितना हैरान हैं उतने ही चिंतिंत भी। यह परिवार मूलरूप से मूल रूप से पौड़ी जिले के ब्लाक नैनीडांडा के गांव रणजीत मोक्षण का रहने वाला है। परिवार फिलहाल दिल्ली के द्वारका में रह रहा है। बता दें कि उत्तराखंड की रहने वाली किरन नेगी की गैंगरेप के बाद दोनों आंखों में तेजाब डालकर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। दोषियों ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के पलटते हुए तीनों दोषियों को बरी कर दिया। किरन की मां महेश्वरी देवी ने रोते हुए कहा कि 12 साल बाद यह फैसला आया है। इंतजार करते-करते वह हार गई। वह अपनी लाडो को इंसाफ नहीं दिला पाई।