हरिद्वार: हरिद्वार में जहरीली शराब के सेवन से 12 लोगों की जान चली गई।
Ashok Kumar Mishra Dehradun Transfer
इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा को तत्काल हटाने के आदेश दे दिए। ये सब चल ही रहा था कि हरिद्वार के पूर्व जिला आबकारी अधिकारी पवन कुमार सिंह भी मौके का फायदा उठाते हुए अपने तबादले के खिलाफ कोर्ट की शरण में पहुंच गए। दरअसल साल 2017 में पवन सिंह को निलंबित कर दिया गया था। उस वक्त आराघर स्थित शराब की दुकान के संबंध में आबकारी विभाग को अनुज्ञापी और जिला आबकारी अधिकारी की मिलीभगत की शिकायत मिली थी। बताया गया कि आबकारी अधिकारी की मिलीभगत के कारण यह दुकान कम रेट पर संचालित की जा रही थी। जांच में शिकायत सही मिली। यहां 1.02 करोड़ रुपये मासिक निर्धारित दर की दुकान को 50 फीसदी कम न्यूनतम ड्यूटी में आवंटित किया गया था। अब पवन कुमार सिंह एक बार फिर हाईकोर्ट गए और दलील दी की दिसंबर साल 2021 में उनका तबादला बिना किसी कारण किया गया था। हालांकि तमाम दलीलें सुनाने के बाद भी हाईकोर्ट से पवन कुमार को कोई राहत नहीं मिल सकी।
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अब आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा के बारे में भी बताते हैं, जिन्हें हरिद्वार में हुए शराब कांड के बाद देहरादून भेज दिया गया है। अशोक कुमार मिश्रा वही अधिकारी हैं जो 2019 में लाये गए थे। उस वक्त जहरीली शराब पीने से हरिद्वार में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। अशोक कुमार मिश्रा की छवि एक ईमानदार अफसर की रही है। उनकी कोशिशों के चलते हरिद्वार में अवैध शराब पर काफी हद तक लगाम लगी रही, लेकिन हाल में हुए शराब कांड का खामियाजा अशोक कुमार मिश्रा को भी भुगतना पड़ा है। उन्हें अब सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर मुख्यालय देहरादून भेजा गया है। इससे पहले आबकारी विभाग के नौ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था।