टिहरी गढ़वाल: सिद्धपीठ सुरकंडा देवी के सफर को आसान बनाने के लिए मई में रोपवे सेवा शुरू की गई, लेकिन ये सेवा शुरुआती दौर में ही दम तोड़ने लगी है।
30 people stranded in Surkanda Devi rope way
छह साल बाद किसी तरह रोपवे बनकर तैयार हुआ, जैस-तैसे संचालन भी शुरू किया गया, लेकिन बीते दिन यहां कुछ ऐसा हुआ कि रोपवे का संचालन बंद करना पड़ा। दरअसल रोपवे की ट्रॉली कई फीट ऊंचाई पर अचानक हवा में ही रुक गई। उस वक्त रोपवे ट्रॉली में टिहरी विधायक सहित 30 श्रद्धालु बैठे थे, इन सभी की जान आफत में आ गई। करीब 20 से 25 मिनट तक श्रद्धालु रोपवे की ट्राली में हवा में ही लटके रहे। बाद में टेक्निकल टीम ने किसी तरह खामी को ठीक करते हुए रोपवे शुरू कराया और सभी लोगों को सकुशल उतारा। तहसील प्रशासन ने फिलहाल रोपवे का संचालन बंद करवा दिया है। बता दें कि कद्दूखाल-सुरकंडा देवी रोपवे के लिए वर्ष 2014-15 में 13 करोड़ की धनराशि मंजूर हुई थी। तब से हर बार किसी न किसी वजह से रोपवे का काम अटकता रहा। 2021 में कार्य शुरू होने और निर्माण में विलंब के चलते रोपवे की लागत बढ़कर 32 करोड़ तक पहुंच गई। आगे पढ़िए
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1 मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सुरकंडा पहुंचकर विधिवत रोपवे सेवा का शुभारंभ किया था। पहले चरण में रोपवे पर 12 ट्रालियां संचालित की जा रही थी। जून से सभी 16 ट्रॉलियां संचालित की जा रही हैं। एक ट्रॉली में छह लोगों की बैठने की सुविधा उपलब्ध है। लगा था की सबकुछ ठीक है, लेकिन रविवार शाम सभी ट्रॉलियां टावर नंबर चार के पास पहुंचकर अचानक बंद हो गईं। अलग-अलग ट्रॉलियों में टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय सहित 30 यात्री बैठे थे, जो कि बुरी तरह डर गए। घटना को लेकर प्लांट मैनेजर निजामुद्दीन सैफी ने कहा कि ट्रॉली का चक्का स्लिप होने के चलते ये घटना हुई। 15-20 मिनट में खामी दूर कर ली गई। वहीं घटना के बाद विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि इस तरह की घटना से लोगों में डर बैठ जाता है। रोपवे संचालनकर्ता कंपनी को चाहिए कि इस कमी को तुरंत ठीक करे। उन्होंने जिला प्रशासन को भी रोपवे की नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं।