उत्तराखंड देहरादूनArtificial lake built in Dehradun Saibuwala

देहरादून के सैबुवाला में बनी 100 मीटर लंबी झील, कई गांवों में तबाही का खतरा

सूर्यधार बांध से लगभग तीन किमी आगे बनी कृत्रिम झील कभी भी बड़ी तबाही का कारण बन सकती है।

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Image: Artificial lake built in Dehradun Saibuwala (Source: Social Media)

देहरादून: डोईवाला ब्लॉक का सैबुवाला गांव। यहां के लोग इन दिनों चैन से सो नहीं पा रहे।

Artificial lake built in Dehradun Saibuwala

दरअसल इस गांव पर तबाही का खतरा मंडरा रहा है। वजह है सूर्यधार बांध से लगभग तीन किमी आगे बनी कृत्रिम झील, जो कि कभी भी बड़ी तबाही का कारण बन सकती है। कृत्रिम झील का निर्माण पीएमजीएसवाई खंड नरेंद्रनगर के अंतर्गत इठराना-कालबना-कुखुई-मोटर मार्ग के निर्माण कार्य से निकले मलबे को नदी में गिराए जाने के कारण हुआ है। इससे नदी का बहाव आंशिक रूप से रुक गया है। अगर भारी बारिश हुई तो मलबा जाखन नदी पर निर्माणाधीन पुल तक पहुंच सकता है। जिससे जाखन नदी का प्रवाह भी अवरुद्ध हो सकता है। ऐसा होने पर सैबुवाला, खरक, कैरवान, मालकोट, सूर्यधार बांध, रानीपोखरी ग्रांट आदि गांवों और सड़कों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। सोमवार को सिंचाई खंड देहरादून, पीएमजीएसवाई खंड, देहरादून व नरेंद्रनगर के साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर झील का संयुक्त निरीक्षण किया।

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अधिकारियों के मुताबिक झील लगभग 100 मीटर लंबी और 3.5 मीटर गहरी है। झील में लगभग 7875 घन मीटर पानी जमा होने का अनुमान है। अब झील को चौड़ी कर जमा पानी को निकालने पर विचार चल रहा है। एक ऐसी ही खबर विकासनगर से भी आई है। यहां व्यासी जलविद्युत परियोजना के बांध के मुहाने के पास पानी रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार (वायरक्रेट) जलस्तर बढ़ने से धंस गई। ग्रामीणों का आरोप है कि करोड़ों की लागत से बनी परियोजना के शुरू होते ही निर्माण का ध्वस्त हो जाना गुणवत्ता को संदेह के घेरे में ला रहा है। परियोजना के शुरू होने के चार महीनों के अंदर ही गेट के पास झील के किनारे सुरक्षा दीवार धंस गई। इससे दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के धंसने का खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। सुरक्षा दीवार की निगरानी की जा रही है।