उत्तराखंड चम्पावतKailash Gahtori appointed Uttarakhand Forest Development Corporation Chairman

उत्तराखंड: CM धामी के लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी को इनाम, मिली बड़ी जिम्मेदारी

बीजेपी ने कैलाश गहतोड़ी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया है।

Kailash Gahtori Forest Development Corporation: Kailash Gahtori appointed Uttarakhand Forest Development Corporation Chairman
Image: Kailash Gahtori appointed Uttarakhand Forest Development Corporation Chairman (Source: Social Media)

चम्पावत: कैलाश गहतोड़ी। ये नाम उत्तराखंड की राजनीति में पिछले कई महीनों से सुर्खियों में बना हुआ है।

Kailash Gahtori appointed Forest Development Corporation Chairman

कैलाश गहतोड़ी चंपावत के पूर्व विधायक हैं। फरवरी में संपन्न हुए चुनाव में चंपावत से जीत दर्ज कराने वाले कैलाश गहतोड़ी ने उसी दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान किया था। गहतोड़ी ने जो वादा किया उसे निभाया भी। बीते दिनों चंपावत सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बंपर मतों से जीत हासिल की। इससे पहले 19 मई को कैलाश गहतोड़ी ने अपना त्यागपत्र दे दिया था। जिसके बाद वो सीएम धामी को चंपावत का विधायक बनाने में जी-जान से जुटे रहे। अब धामी ने गहतोड़ी के त्याग का रिटर्न गिफ्ट उन्हें दिया है। गहतोड़ी को राज्य मंत्री के तौर पर 2019 के आदेश के अनुसार तमाम सुविधाएं मुहैया की जाएंगी। उनकी क्या जिम्मेदारियां होंगी, क्या अधिकार होंगे इस बाबत अलग से आदेश जारी होंगे।

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ये कयास पहले ही लगाए जा रहे थे कि सीएम धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी को इनाम मिल सकता है, अब इस बात पर मुहर लग गई है। बीजेपी ने कैलाश गहतोड़ी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले भी साल 2002 से अब तक मुख्यमंत्री के लिए जितने भी विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उनमें से सभी को पार्टी और सरकार ने सम्मान दिया। इससे पहले कहा जा रहा था कि कैलाश गहतोड़ी को बीजेपी शायद राज्यसभा भेज सकती है, उन्हें क्या इनाम और ओहदा मिलेगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ था। गुरुवार को पार्टी ने उन्हें राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर इस पर संशय खत्म कर दिया है। कैलाश गहतोड़ी को राज्य वन विकास निगम की जिम्मेदारी मिली है। यह राज्यमंत्री के स्तर का पद है। इसके लिए शासनादेश जारी हो चुके हैं।