उत्तरकाशी: अगर आप भी चार धाम यात्रा पर 60 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्गों को अपने साथ में लेकर आ रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए क्योंकि चार धाम की यात्रा उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
Uttarakhand Char Dham Yatra 2022 death toll
बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई हैं। चारधाम यात्रा में रोजाना तीर्थयात्रियों की मौतें हो रही है। अब तक मृतकों की संख्या 28 हो गई है। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई है। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने कहा है कि यात्रा के दौरान जो भी मौतें हुई हैं, वह पैदल रूट पर हुईं हैं। हार्ट अटैक व अन्य बीमारियां मौत का कारण रही हैं। किसी भी यात्री की अस्पतालों में मौत नहीं हुई है। बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग के अस्पतालों व मेडिकल कैंपों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी जिलों से आई रिपोर्ट के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 50 से 60 आयु वर्ग में सात, 40 से 50 आयु वर्ग में चार और 30 से 40 आयु के तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
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स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि मृतकों की परिजनों की इच्छा के अनुसार पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। यह चिंताजनक है कि चार धाम यात्रा में लगातार हार्ट अटैक की वजह से लोगों की मौत हो रही है ऐसे में अगर आप भी किसी बुजुर्ग या हार्ट पेशेंट के साथ चार धाम यात्रा कर रहे हैं तो उनके स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें और लंबे समय तक उनसे चढ़ाई ना करवाएं समय-समय पर उनको आराम दें।मेदांता अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अल्केश जैन के मुताबिक आजकल जो व्यक्ति अधिक उम्र के हैं या उन्हें पहले से हार्ट की बीमारी है, अगर वह हिल स्टेशन पर छुट्टियां मनाने की योजना बना रहे हैं या फिर चार धाम यात्रा व किसी ऊंचाई वाली जगह पर धार्मिक यात्रा पर जाने वाले हैं, उनको जरूरी स्वास्थ्य जांच करा लेनी चाहिए। यात्रा से पहले हृदय की या जो भी हृदय से जुड़ी जाचें जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर की जांच कराकर ही जाएं। अगर तीर्थयात्री को कोई अंदरूनी बीमारी है और यात्रा के दौरान अधिक थकान होने पर हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे में इन जगहों पर जाने से पहले रेगुलर जांच इको टीएमटी जांच, खून की जांच और ईसीजी कराकर ही जाएं और अपने आप को सुरक्षित रखें।