उत्तराखंड देहरादूनDehradun Himalayan hospital ajab singh case

देहरादून में डॉक्टर ने जिसे मृत बताया, अंतिम संस्कार से पहले जिंदा हो गया वो मरीज

मामला Dehradun के Himalayan hospital से जुड़ा है। ajab singh के गुस्साए परिजन अब अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Dehradun Hospital Dead Patient Case: Dehradun Himalayan hospital ajab singh case
Image: Dehradun Himalayan hospital ajab singh case (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश के अस्पतालों का हाल किसी से छिपा नहीं है, लेकिन डोईवाला के एक निजी अस्पताल ने तो लापरवाही की हद ही कर दी।

Dehradun Himalayan hospital ajab singh case

अस्पताल ने मरीज को वेंटिलेटर पर रखकर परिजनों से लाखों वसूले, इलाज के नाम पर उन्हें लूटते रहे। फिर कह दिया कि मरीज की मौत हो गई, लेकिन जब परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तब पता चला कि मरीज जिंदा है। जिसके बाद आनन-फानन में ग्रामीण को अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामला डोईवाला के हिमालयन अस्पताल से जुड़ा है। गुस्साए परिजन अब अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 60 वर्षीय अजब सिंह लक्सर के खानपुर क्षेत्र स्थित कर्णपुर गांव में रहते हैं। तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें डोईवाला स्थित हिमालयन अस्पताल लेकर गए। वहां बताया गया कि मरीज का ब्लड प्रेशर काफी लो हो गया है।

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डॉक्टरों ने 4 दिन तक अजब सिंह को वेंटिलेटर पर रखा। इलाज के नाम पर अजब सिंह के परिजनों से करीब 1,70,000 रुपये वसूले गए, लेकिन मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ। बीते दिन चिकित्सक ने अजब सिंह को मृत घोषित कर दिया। परिजन अजब सिंह का शरीर घर ले आए। वहां जब अंतिम संस्कार से पहले उन्हें नहलाया जा रहा था, तभी उनकी सांसें चलती महसूस हुईं। इसके बाद आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल लेकर आए। फिलहाल लक्सर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ग्रामीण को भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज जारी है। अजब सिंह के बेटे अनुज ने कहा कि अस्पताल ने उनके पिता को जिंदा रहते मृत घोषित कर दिया। वो मामले को लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायत करेंगे। ऐसे हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहे, ताकि दूसरे अस्पतालों को भी सबक मिल सके।