ऋषिकेश: उत्तराखंड में बेरोजगारी किसी सीमा पर है, इस बात से आप अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। सवाल ये है कि उत्तराखंड में सच में रोजगार नहीं है या फिर नौकरियों के नाम पर सेटिंग का धंधा चल रहा है? ये खबर तो इसी तरफ इशारा कर रही है। दरअसल ऋषिकेश एम्स में भर्ती प्रकॅिया को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। यहां नर्सिंग संवर्ग के पदों पर 1 ही राज्य के 600 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई। एक रिपोर्ट तो ये भी कहती है कि इस भर्ती में एक ही परिवार के 6 लोगों को भी नियुक्ति दी गई है। जबसे ऋषिकेश एम्स में सीबीआई का छापा पड़ा ह, तब से एम्स ऋषिकेश सुखियों में बना हुआ है। अब यहां स्थायी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर बड़ी बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक एम्स में 2018 से 2020 के बीच नर्सिंग संवर्ग में 800 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इस भर्ती में देश के अलग अलग राज्यों के अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि 800 में से 600 पदों पर राजस्थान के अभ्यर्थियों का चयन किया गया। एक ही राज्य से इतनी बड़ी संख्या में नियुक्तियां भर्ती प्रक्रिया को संदेह के घेरे में खड़ा कर रही हैं। इस पूरे मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को शिकायत दी गई है। उधर सीबीआई टीम स्थायी नियुक्तियों के साथ साथ उपकरणों की खरीद की भी जांच कर रही है। उधर एम्स ऋषिकेश के पीआरओ हरीश मोहन थपलियाल का कहना है कि एम्स में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर नियमानुसार भर्ती की गई है। योग्य अभ्यर्थियों की स्थिति में राज्य कोई विषय नहीं है।