उत्तरकाशी: उत्तराखंड अपने मंदिरों, अपनी परंपराओं के कारण देव भूमि के नाम से जाना जाता है। यहां पर सैकड़ों ऐसे मंदिर हैं जिनके साथ कई मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं और सैकड़ों वर्षो से चली आ रही हैं। इनमें से ही एक है शनि देव का मंदिर। हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे शनि मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी महिमा निराली है और उस मंदिर में दर्शन करने से साढ़े साती दूर हो जाती है। हम बात कर रहे हैं Uttarkashi जिले में स्थित Shani Temple की। हिमालय पर 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित शनि धाम की महिमा निराली है। उत्तरकाशी जिले के खरसाली गांव में बने शनि मंदिर की मान्यता सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के समय भी यह मंदिर अस्तित्व में था और इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया। इस मंदिर में पूजा करने से शनि की साढ़े साती दूर हो जाती है। आगे पढ़िए
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बता दें कि हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है और शनि देव द्वारा दिए दंड से सभी डरते हैं। उत्तरकाशी के खरसाली गांव में यह मंदिर तकरीबन 7000 फुट की ऊंचाई पर बना हुआ है और इस मंदिर में सैकड़ों सालों से अखंड ज्योति आज भी जल रही है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। इस मंदिर को शनिदेव धाम कहां जाता है और ऐसा भी कहा जाता है कि यहां पर भगवान शनि पूरे साल विराजमान रहते हैं। यह शनि धाम का मंदिर 5 मंजिला है और इस मंदिर का निर्माण पत्थर और लकड़ी से किया गया है। इस मंदिर में हर शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा की जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन यहां पूजा करने से व्यक्ति को कुंडली के सभी शनि दोषों से छुटकारा मिल जाता है। लोगों का मानना है कि हर साल यहां पर कोई ना कोई चमत्कार होता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के ऊपर के घड़े खुद ब खुद बदल जाते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी शनि धाम मंदिर में दर्शन करने आता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।