चम्पावत: पहाड़ में बंदरों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। बंदरों के आतंक के चलते लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है और अब तो ये घरों में घुसकर बच्चों की जान तक लेने लगे हैं। चंपावत में यही हुआ। यहां तीन महीने के मासूम को बंदर छत पर घसीट ले गया। वहां उसे पानी भरी बाल्टी में डुबो दिया, दम घुटने से मासूम की मौत हो गई। दिल दहलाने वाली ये घटना टनकपुर के मुख्य बाजार क्षेत्र की है। जहां तीन महीने के जुबीन पुत्र शहनवाज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बंदर घर के भीतर सो रहे बच्चे को घसीट कर छत पर ले गया था और उसे पानी से भरी बाल्टी में डुबो दिया। कुछ देर बाद मां जब कमरे में पहुंची तो देखा कि बच्चा गायब है। खोजबीन शुरू हुई तो बच्चा छत पर पानी भरी बाल्टी में अचेत पड़ा मिला। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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बच्चे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा है। बीते साल भी शहनवाज के एक साल के बच्चे की मौत हुई थी। परिवार में अब छह वर्षीय बेटा फरहान है। चंपावत में बंदरों द्वारा लोगों की जान लेने का ये पहला मामला नहीं है। बीते पांच वर्ष में बंदरों के हमले में चंपावत जिले में दो बच्चों सहित छह लोगों की जान जा चुकी है। लोहाघाट शहर में दो साल पहले बंदर के फेंके गए ईंट की चपेट में आकर एक महिला हताहत हो गई थी। इसी तरह बंदर से बचने के चक्कर में एक अधेड़ व्यक्ति का संतुलन बिगड़ा और गड्ढे में गिरकर उसकी मौत हो गई। घर, खेत से लेकर मंदिरों तक बंदरों का उत्पात रहता है। एक अनुमान के मुताबिक चंपावत जिले में लगभग 6317 बंदर हैं। उधर वन विभाग के अधिकारी कुछ और ही कह रहे हैं। एसडीओ एसके मौर्य कहते हैं कि घटना सुबह के समय की बताई जा रही है। सुबह के समय बंदर सोये रहते हैं और वो धूप निकलने के बाद झुंड में ही निकलते हैं। इतनी सुबह बंदरों के घर में आने की संभावना काफी कम है। अलबत्ता विभाग अपने स्तर पर जांच करेगा। फिलहाल पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामला संदेहास्पद है, इसलिए क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं।