उत्तराखंड चम्पावतLt Manisha Bohra of Lohaghat leads the team at Delhi Rajpath

लोहाघाट की शेरनी, जिसकी दहाड़ से थर्राया राजपथ..जानिए आखिर कौन है लेफ्टिनेंट मनीषा

राजपथ पर हुई गणतंत्र दिवस परेड में लेफ्टिनेंट मनीषा बोहरा ने पुरुष सैन्य दल का नेतृत्व कर पूरी दुनिया को आधी आबादी की ताकत दिखाई।

Manisha Bohra: Lt Manisha Bohra of Lohaghat leads the team at Delhi Rajpath
Image: Lt Manisha Bohra of Lohaghat leads the team at Delhi Rajpath (Source: Social Media)

चम्पावत: उत्तराखंड के बेटे ही नहीं बेटियां भी यहां की गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। जब भी देश पर खतरा मंडराया है, यहां के पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाए हैं। उत्तराखंड की रहने वाली आर्मी ऑफिसर मनीषा बोहरा देश की ऐसी ही जांबाज बेटियों में से एक हैं। बीते दिन दिल्ली के राजपथ पर हुई गणतंत्र दिवस परेड में लेफ्टिनेंट मनीषा बोहरा ने पुरुष सैन्य दल का नेतृत्व कर दुनिया को आधी आबादी की ताकत दिखाई। राजपथ पर 90 मिनट तक चली परेड में वैसे तो कई झांकियां निकलीं, लेकिन जब मनीषा बोहरा दहाड़ते हुए अपनी टुकड़ी के साथ आगे बढ़ीं तो सबकी नजरें उत्तराखंड की इस शेरनी पर टिक गईं। लेफ्टिनेंट मनीषा बोहरा ने गणतंत्र दिवस परेड में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के दल का नेतृत्व कर इतिहास रच दिया। अपनी इस उपलब्धि से देश प्रदेश का मान बढ़ाने वाली मनीषा बोहरा उत्तराखंड के चंपावत की रहने वाली हैं। उनका परिवार लोहाघाट विकासखंड के खूनाबोरा गांव में रहता है।

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छोटे पहाड़ी गांव से ओटीए चेन्नई तक का सफर मनीषा के लिए आसान न था, पर अपने हौसले और मेहनत के दम पर उन्होंने इसे आसान बना दिया। मनीषा के पिता दिनेश सिंह बोहरा सेना में सूबेदार हैं। उनकी तीन पीढ़ियां देश की सेवा कर चुकी हैं। आर्मी स्कूल से पढ़ीं मनीषा हमेशा से सेना में जाने का सपना देखा करती थीं। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की और ओटीए चेन्नई से ट्रेनिंग लेकर विधिवत तौर पर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गईं। मनीषा बताती हैं कि मैं एनसीसी का हिस्सा रह चुकी हूं, इसलिए गणतंत्र दिवस परेड को लीड करने के लिए दूसरे अफसरों के मुकाबले मुझे ज्यादा तरजीह दी गई। हमने अक्टूबर से ही हर दिन कमांड, मार्च और ड्रील मूवमेंट की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। मुझे यकीन था कि हम राजपथ पर शानदार प्रदशन करेंगे। बता दें कि ये पहला मौका था, जबकि आर्मी ऑर्डिनेंस के दल को किसी महिला अफसर ने लीड किया। लेफ्टिनेंट मनीषा ने अपनी उपलब्धियों से प्रदेश को गौरवान्वित किया है। वो पहाड़ की युवा लड़कियों के लिए मिसाल बन गई हैं।