उत्तराखंड नैनीतालGuldar survived even after putting cage in Kathgodam

उत्तराखंड: 4 बार लगा पिंजरा, हर बार बच गया नरभक्षी गुलदार..अब गांव वालों की जान को खतरा

काठगोदाम में महिला का शिकार करने वाली नरभक्षी मादा गुलदार 4 पिंजरा लगाने पर भी नहीं फंसी, पिंजरे की घास हटाने के बाद हो गई लापता

Kathgodam Guldar Pinjra: Guldar survived even after putting cage in Kathgodam
Image: Guldar survived even after putting cage in Kathgodam (Source: Social Media)

नैनीताल: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष की अब तक कई दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जंगली जानवर लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय हो रहे हैं और ग्रामीणों की जान के ऊपर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। खास कर गुलदारों की सक्रियता ग्रामीण क्षेत्रों में काफी अधिक बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार के सक्रिय होने की वजह से जनजीवन काफी अधिक तहस-नहस हो चुका है। लोग अपने घरों के बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। महिलाएं जंगलों में लकड़ी और घास काटने जाने में समस्या हो रही है। बच्चे अकेले बाहर निकलें तो मां-बाप को डर सताता है। उत्तराखंड के लगभग हर पहाड़ी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का खौफ है। वन विभाग द्वारा प्रयास किए जाने के बावजूद भी जानवरों के हमले कम नहीं हो रहे हैं बल्कि वे और अधिक बढ़ते ही जा रहे हैं। इन दिनों नैनीताल के हल्द्वानी में भी गुलदार के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो रखा है। यहां पर काठगोदाम में एक मादा गुलदार सक्रिय हो रखी है जिस वजह से लोगों की जान के ऊपर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। अंधेरा होते ही लोग अपने-अपने घरों में दुबक जाते हैं क्योंकि किसी को नहीं पता कि कब गुलदार धमक पड़े।काठगोदाम में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है।

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काठगोदाम में कुछ दिनों पहले ही चारा लेने के लिए जंगल में गई एक महिला को मादा गुलदार ने अपना निवाला बना दिया। तब वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए जंगल में सीसीटीवी कैमरा भी लगाए। सीसीटीवी में उसका मूवमेंट साफ दिख रहा है। खास बात यह भी है कि मादा गुलदार को पकड़ने के लिए लगाए चार पिंजरे भी लगाए गए। जिनमें से एक की वह घास हटाने के बाद वह लापता हो गई। बीती 13 जनवरी को दमुवाढूंगा की नंदी सनवाल (44) चारा लेने के लिए काठगोदाम से लगे जंगल गई थीं। वहां गुलदार ने नंदी पर हमला कर दिया और उन्हें घसीट कर जंगल के भीतर ले गई। काफी खोजबीन के बाद उनका शव मिल सका। इसके बाद से वन विभाग ने फतेहपुर रेंज के जंगलों में 10 जोड़े से ज्यादा सीसीटीवी लगाए थे। पिछले चार पांच दिन से हमलावर मादा गुलदार कैमरे में दिख रही है। बीती रात उसने एक पिंजरे के ऊपर से घास भी हटायी है। फतेहपुर रेंज के रेंजर केआर आर्या का कहना है कि काठगोदाम में हमलावर मादा गुलदार लगातार कैमरे में दिख रही है। पिंजरों के ऊपर लगी घास भी उसने हटाई है। जल्द की हमलावर मादा गुलदार को पकड़ने की उम्मीद है।