देहरादून: बीजेपी से निकाले गए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के सामने विकट स्थिति थी। पहले कहा गया कि वो कांग्रेस में घर वापसी करेंगे, लेकिन तब चर्चा शुरू हुई कि बीजेपी उन्हें माफ कर फिर से पार्टी में ले सकती है। लेकिन आखिर में वो ही हुआ, जो पहले से कहा जा रहा था। हरक सिंह रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसांई की कांग्रेस में एंट्री हो गई है। हरक ने भी पूर्व सीएम हरीश रावत से माफी मांगकर पुराने गिले-शिकवे दूर कर लिए। दरअसल कर्मकार कल्याण बोर्ड में कथित अनियमितता का मामला हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी की राह में अड़ंगा बन गया था। इस मुद्दे पर पिछले कई महीनों से कांग्रेस राज्य की बीजेपी सरकार पर हमलावर रही है। ऐसे में अगर हरक की कांग्रेस में एंट्री हो गई है और अब ये मुद्दा बीजेपी की बजाय कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ा सकता है। बस यही एक वजह है कि कांग्रेस ने हरक के लिए पार्टी के दरवाजे नहीं खोले थे लेकिन अब हरक के शामिल होने से बीजेपी का स्टैंड देखना होगा। आगे पढ़िए
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छठे दिन यानी शुक्रवार को भी अगर हरक कांग्रेस में शामिल नहीं होते, तो अंदेशा था कि कांग्रेस इस मामले में हाथ पीछे खींच सकती है। इस तरह बीजेपी की सदस्यता और मंत्री पद से हाथ धो चुके हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं थी। बीजेपी एक तरफ राज्य की 59 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया, इस मामले में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकल गई। हरक की कांग्रेस में एंट्री को लेकर सस्पेंस बना हुआ था। ऐसे में अब जब हरक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं तो सीटों पर फिर से माथापच्ची करनी होगी। माना जा रहा है कि हरक चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसके बजाय वो अपनी बहू को जिताने पर फोकस करेंगे।