रुड़की: आत्महत्या पर तमाम सवाल खड़े होते हैं ... जिंदगी खत्म करने वालों को डरपोक कहा जाता है.. मगर आत्महत्या के पीछे किसी इंसान की मानसिक स्थिति को समझना कोई नहीं चाहता। मेंटल हेल्थ के विषय पर अब भी लोग चुप्पी साधे रहते हैं। यह समझना जरूरी है कि जिंदगी खत्म करने से पहले उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति कैसी रही होगी। मेंटल हेल्थ को समझना और उसपर खुलकर बात करना कितना जरूरी है यह इस खबर से समझिए। हरिद्वार में 20 तोला सोना लेकर एक अधिकारी की पत्नी आत्महत्या करने अपने घर से निकली। महिला के साथ उसके दो बच्चे भी मौजूद थे। महिला बच्चों के साथ गंगा नदी में कूदने जा रही थी। वो तो सही समय पर रुड़की पुलिस को इस बात की भनक लग गई उन्होंने महिला की काउंसलिंग की और उनके पति को बुलाकर और महिलाओं को उनके हवाले किया। बता दें कि महिला मानसिक रूप से परेशान चल रही थी और वह अपने 12 और 10 वर्ष के मासूम बच्चों को लेकर गंगा में कूदने जा रही थी। कारण पूछने का महिला ने बताया कि वह अपनी जिंदगी से बहुत परेशान चल रही है और यही वजह है कि उसने अपने दोनों बच्चों के साथ आत्महत्या करने का फैसला लिया।
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महिला ने बताया कि वह अपने गहने लेकर हरिद्वार के मंदिर में दान करके गंगा में अपने दोनों बच्चों के साथ कूदने जा रही थी। महिला ने पुलिस द्वारा की गई काउंसिलिंग में बताया कि वह डिप्रेशन का शिकार है और अपनी जिंदगी से तंग आ चुकी है। पुलिस ने किसी तरह महिला को समझा-बुझाकर उसको उसके पति के साथ सुरक्षित वापस भेजा। चलिए आपको पूरे मामले की संक्षिप्त जानकारी देते हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की रोडवेज बस में बुधवार को भारत संचार निगम लिमिटेड में तैनात एक अधिकारी की पत्नी अपने 10 और 12 वर्ष के बच्चों के साथ बैठी हुई थी। महिला की मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही थी। यह बात बस के कंडक्टर ने भांप ली और बस जैसे ही रुड़की पहुंची, कंडक्टर ने समझदारी दिखाते हुए बस अड्डे पर तैनात पुलिसकर्मियों को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला मानसिक रुप से बहुत परेशान लग रही है। पुलिसकर्मियों ने इसकी सूचना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को दी। निरीक्षक ने पुलिस कर्मियों से महिला को कोतवाली लाने को कहा।
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पुलिस ने पूछताछ की तो महिला ने बताया कि वह उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में बीएसएनएल में तैनात एक अधिकारी की पत्नी है। महिला ने पुलिस को बताया कि वह जिंदगी से परेशान हो चुकी है और डिप्रेशन में है। पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली तो उसके अंदर करीब 20 तोले सोने के जेवरात मिले। बैग में जेवरात देख पुलिस दंग रह गई। पुलिस ने जब पूछताछ की तो महिला ने बताया कि यह जेवरात वह हरिद्वार के किसी मंदिर में दान देकर बच्चों समेत गंगा में कूदकर आत्महत्या करने जा रही थी। पुलिस ने किसी तरह महिला को रोका और महिला की काउंसिलिंग कर उसे किसी तरह से समझाया बुझाया। इसके बाद महिला के पति को रुड़की बुलाया और महिला को उनके पति के साथ रवाना कर दिया। प्रभारी निरीक्षक अमर चंद शर्मा ने बताया कि महिला ने अपने पति को आगे से ऐसा कदम नहीं उठाने का आश्वासन दिया है।