पिथौरागढ़: राज्य सरकार लोगों से गांवों को आबाद करने की अपील कर रही है, उनसे गांवों में बसने को कह रही है, लेकिन जिन गांवों में हमारे बच्चे ही सुरक्षित न हों, वहां भला कोई क्यों रहना चाहेगा। एक तरफ मानसून ने जिंदगी मुश्किल की हुई है तो वहीं दूसरी तरफ नरभक्षी गुलदार मासूमों के लिए काल बने हुए हैं। मामला पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट का है। जहां गुलदार ने 10 साल के मासूम को अपना निवाला बना लिया। घटना के वक्त बच्चा अपनी बड़ी बहन के साथ दुकान से सामान लेकर घर लौट रहा था। तभी गुलदार उस पर झपट पड़ा। बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, बाद में गुलदार वहीं पर बच्चे का मांस खाने लगा, ये देख बच्चे की बड़ी बहन चिल्लाते हुए घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया। बाद में बच्चे की क्षत-विक्षत लाश जंगल में पड़ी मिली। घटना गंगोलीहाट के पाली सिमलकोड़ा लतराड़ी गांव की है। आगे पढ़िए
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यहां मंगलवार शाम 10 साल के गोकुल पुत्र अर्जुन राम को गुलदार ने मार डाला। गोकुल घर का इकलौता चिराग था। उसकी मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गोकुल के पिता गांव में ही मजदूरी करते हैं। परिजनों के मुताबिक बीती शाम गोकुल अपनी 13 वर्षीय बहन के साथ घर से लगभग 300 मीटर दूर दुकान से सामान खरीदने गया था। सामान लेने के बाद दोनों भाई-बहन घर लौट रहे थे। तभी 100 मीटर नीचे झाड़ियों में छिपे गुलदार ने गोकुल पर हमला किया, उसे मौके पर ही मार कर उसका मांस खाने लगा। बाद में जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो गुलदार बच्चे का शव छोड़कर भाग गया। इसके बाद ग्रामीणों ने विभाग पुलिस और प्रशासन को घटना की सूचना दी। गुलदार के हमले में बच्चे की मौत के बाद गांव में दहशत का माहौल है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गुलदार के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मंगलवार सुबह टिहरी जिले के हिंडोलाखाल में भी गुलदार ने एक महिला को अपना निवाला बना लिया था, जबकि शाम को गुलदार ने पिथौरागढ़ में मासूम की जान ले ली।