उधमसिंह नगर: उधम सिंह नगर के रुद्रपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिले में एक 5 मासूम के साथ वर्ष 2019 में कुकर्म कर उसकी बेरहमी से हत्या के मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। 2019 में हुए इस हादसे ने पुलिस प्रशासन के भी होश उड़ा दिए थे। 2019 में उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में महज 5 साल के मासूम बच्चे के साथ कुकर्म कर उसका गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया था। 2019 के बाद से यह केस अब तक चल रहा था और आखिरकार न्यायाधीश विजयलक्ष्मी विहान की अदालत में नाबालिक बालक से कुकर्म और गला दबाकर हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। जी हां, अभियुक्त के मां-बाप को भी साक्ष्य छुपाने का दोषी मानते हुए उनको सजा सुनाई गई है। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया है कि साल 2019 की 19 फरवरी को रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप में एक परिवार के 5 साल नाबालिक बच्चा छत पर खेल रहा था और अचानक छत पर खेलते-खेलते वह लापता हो गया। काफी खोजबीन के बाद भी बालक का सुराग नहीं मिल पाया।
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थक हार कर परिजनों ने 21 फरवरी को बालक के गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई। इसी दौरान परिजनों ने अपने ही पड़ोसी और मुख्य आरोपी हरस्वरूप और उसके माता-पिता के व्यवहार में बड़ा बदलाव देखा और उनको उन तीनों के ऊपर गहरा शक हुआ। जिसके बाद उन्होंने यह पूरी बात पुलिस को बताई। इसी के साथ मृतक मासूम के परिजनों ने पड़ोसी युवक हरस्वरूप को एक रात चुपके से उनकी छत से भागता हुआ देखा जिसके बाद उनको हरस्वरूप के ऊपर संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने आरोपी हरस्वरूप को अपनी हिरासत में लिया और उससे सख्ती से पूछताछ की जिसके बाद हरस्वरूप ने सब कुछ सच बता दिया और उसने कहा कि उसने ही बालक को अपने कब्जे में लेकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया। उसने बालक का शारीरिक शोषण किया, कुकर्म किया और उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने छत की टंकी से नाबालिग का शव और कमरे के अंदर से उसके कपड़े बरामद किए हैं और इसी के साथ पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में भी नाबालिग बालक के साथ कुकर्म और उसका गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई थी। बालक के शव पर गहरी चोट के निशान भी मिले थे।
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इसके बाद से यह पूरा मामला न्यायालय में चल रहा है और इस पूरे मामले में जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 11 गवाह पेश किए और इस हत्याकांड और क्रूरता के लिए न्यायालय से अभियुक्त हरस्वरूप को फांसी देने की मांग की। जिसके बाद लक्ष्मी विहान की अदालत ने आखिरकार अभियुक्त हरस्वरूप को फांसी की सजा सुनाई गई है और इसी के साथ उसकी मां और उसके पिता को भी 3 साल और 4 साल की सजा सुनाई है और इसी के साथ दोनों को 15,000 का दंड देने के लिए भी कहा गया है। आपको बता दें कि नाबालिग बालक के साथ कुकर्म एवं गला दबाकर हत्या करने के अभियुक्त हरस्वरूप को फांसी की सजा सुनने का यह पहला मामला सामने आया है। विकास गुप्ता ने बताया कि स्पेशल पॉस्को ने हत्या एवं दुष्कर्म के मामले में तो कई फांसी की कई सजा सुनाई गई हैं लेकिन जिले में कुकर्म के मामले में इस तरह की सजा का यह पहला मामला सामने आया है।