बागेश्वर: हिमालयी राज्य उत्तराखंड में लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। शुक्रवार को सीमांत जिले बागेश्वर की धरती डोल गई। यहां सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। 10 से 15 सेकेंड तक धरती में कंपन महसूस किया गया। जिसके बाद डरे हुए लोग तुरंत घरों से बाहर निकल आए। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.3 मैग्नीट्यूट मापी गई। पिछले कुछ वक्त से उत्तराखंड के हिमालयी जिलों में लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से हमेशा अति संवेदनशील रहा है। आने वाले वक्त में यहां बड़े भूकंप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील जोन पांच और संवेदनशील जोन चार में आता है। प्रदेश के किस जिले पर भूकंप का ज्यादा खतरा मंडरा रहा है, और कौन सा क्षेत्र किस जोन में है, ये भी बताते हैं। आगे पढ़ लीजिए
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अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग जिले के अधिकांश भाग के अलावा बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिले आते हैं। वहीं जो क्षेत्र संवेदनशील जोन चार में हैं उनमें ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जिला शामिल है। देहरादून और टिहरी का क्षेत्र दोनों जोन में आता है। हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। जिस वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार के मुताबिक हिमालयी क्षेत्र में भूगर्भ में तनाव की स्थिति बनी हुई है। जो क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र में शामिल हैं, वहां रह रहे लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा भूकंप अति संवेदनशील जिलों में ही रिकॉर्ड किए गए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 1 दिसंबर को हरिद्वार जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मैग्नीट्यूट रही थी। हालांकि कम तीव्रता वाले झटकों से क्षेत्र में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।