रुड़की: कोरोना के दस्तक देने के बाद से ही अभिनेता सोनू सूद लगातार कोरोना वारियर्स के लिए काम करते नजर आ रहे हैं। चाहे वो प्रवासी मजदूरों की मदद करना हो या किसी को उसके घर सही-सलामत पहुंचाना हो, वे नि:स्वार्थ भाव से लोगों की मदद कर रहे हैं। मार्च से लेकर अभी तक सोनू सूद कई लोगों को उनके घर पहुंचा चुके हैं और कई जरूरतमंदों की आर्थिक रूप से भी मदद कर चुके हैं। पर्दे पर भले ही वे विलन के किरदार निभाते हों, मगर असलियत में सच में वे हीरो हैं। अब सोनू सूद रुड़की की दवाई कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले एक व्यक्ति की कैंसर पीड़ित बेटी की मदद के लिए आगे आए हैं और उन्होंने उनकी आर्थिक मदद कर मानवता का उदाहरण पेश किया है। निलेश मिश्रा जो कि रुड़की के कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं उनकी बेटी को ओस्टियोजेनिक सर्कोमा नामक एक दुर्लभ तरह के कैंसर से पीड़ित है, जिसके इलाज में काफी पैसे खर्च हो रहे हैं। उनकी बेटी के बाएं पैर में कैंसर इस कदर फैल चुका है कि बीते अगस्त डॉक्टरों को उसका पैर काटना पड़ा था।
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उनकी बेटी मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती है और सोनू सूद की टीम ने नीलेश मिश्रा को उनकी बेटी के लिए जनवरी तक के इलाज के लिए 1 लाख 22 हजार का चेक मुंबई में सौंपा है। जो डॉक्टर मुंबई में बच्ची का इलाज कर रहे थे उन्होंने ट्विटर के जरिए सोनू सूद से कैंसर पीड़िता बच्ची की मदद के लिए संपर्क किया था और उसके बाद सोनू सूद की टीम ने रिस्पांस दिया और पीड़ित बच्ची के पिता को एक लाख 22 हजार का चेक सौंपा। बच्ची के पिता नीलेश मिश्रा मथुरा जिले के नंद गांव के निवासी हैं और वे काफी लंबे समय से आईआईटी रुड़की में सुरक्षाकर्मी थे। इसके बाद वे रूड़की स्थित भगवानपुर की दवा कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे थे। उनका परिवार गांव में ही रहता है। उनकी बेटी का तकरीबन ढाई वर्ष से ओस्टियोजेनिक सर्कोमा नाम के दुर्लभ एवं हानिकारक कैंसर की जानलेवा बीमारी का इलाज चल रहा है। इसका प्रभाव बच्ची के बाएं पैर पर है और यह हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं का कैंसर है जो कि बेहद दुर्लभ है।
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बच्ची को दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में दिखाया गया और उसके बाद उसको जनवरी में टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई रेफर किया गया। बता दें कि अगस्त में संक्रमण बढ़ने के कारण बच्ची का बायां पैर काटना पड़ गया। मामूली से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले नीलेश मिश्रा के पास अपनी बेटी का इलाज करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं जुटा पाए, जिसके बाद डॉक्टर साधना अग्रवाल और उनके पति संजय अग्रवाल ने उनकी मदद का प्रयास किया और अभिनेता सोनू सूद से संपर्क किया। ट्विटर पर उन्होंने 17 बार सोनू सूद को ट्वीट किया और उसके बाद उनकी टीम ने रिस्पांस किया और तुरंत मदद करने के लिए अस्पताल में पहुंची। बताया जा रहा है कि उनकी टीम ने मुंबई में पीड़ित बच्ची के पिता को उसके इलाज के लिए 1 लाख 22 हजार का चेक दिया है जो कि 15 जनवरी तक उनकी बेटी की कीमोथेरेपी, दवाओं और कृत्रिम पैरों के लिए खर्चा बताया जा रहा है। सोनू सूद की टीम ने कहा है कि आगे भी जरूरत पड़ने पर वे बच्ची के इलाज के लिए खर्च देंगे।