उत्तराखंड अल्मोड़ाAlmora forest fire

उत्तराखंड: अल्मोड़ा में धधक रहे हैं जंगल..इंस्टीट्यूट के हॉस्टल तक पहुंची आग

इस बार फायर सीजन में वनाग्नि का सितम कम होने से लोग और वन विभाग राहत महसूस कर रहे थे, लेकिन सर्दी में एक बार फिर से हालात बेकाबू होने लगे हैं।

Almora news: Almora forest fire
Image: Almora forest fire (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: सर्दी का मौसम शुरू हो गया, लेकिन उत्तराखंड के जंगल अब भी धधक रहे हैं। अल्मोड़ा में जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया है। यहां कसारदेवी, पातलीबगड़ और बेड़गांव में जंगल जल रहे हैं। बीती देर शाम जंगल की आग शहर से सटे होटल मैनेजमेंट संस्थान के पास तक पहुंच गई। संस्थान के पास स्थित वनक्षेत्र आग की चपेट में आ गया। इस बार गर्मी के मौसम में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम हुईं। वनाग्नि का सितम कम होने से लोग और वन विभाग राहत महसूस कर रहे थे, लेकिन सर्दी में एक बार फिर से हालात बेकाबू होने लगे हैं। अल्मोड़ा में जगह-जगह जंगल धधक रहे हैं। पहले वनाग्नि ने पातलीबगड़, बेड़गांव और कसारदेवी में तांडव मचाया, बाद में जंगल की आग फैलते-फैलते नगर क्षेत्र तक आ पहुंची। शहर से सटे एचएम संस्थान के पास स्थित वन क्षेत्र धूं-धूं कर जल उठा। लपटें इतनी विकराल थीं कि एचएम संस्थान के छात्रावास तक पहुंच गईं। यहां एक कमरे के भीतर रखा रजाई-बिस्तर और दूसरा सामान अग्निकांड की भेंट चढ़ गए। हालात बेकाबू होने पर फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जिसके बाद दो दमकल वाहनों की मदद से फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया। आगे पढ़िए

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घटना अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे की है। जहां लोअर माल से जोड़ने वाली बेस चिकित्सालय रोड से सटे जंगल में सोमवार को आग लग गई। देर शाम हालात बेकाबू होने लगे। सूख चुकी घास और झाड़ियों की वजह से आग फैलने लगी। आग बुझाने के लिए पहले फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी भेजी गई, लेकिन आग काबू में न आई। जिसके बाद एक और दमकल वाहन को मौके पर भेजा गया। इस बीच आग की आसमान छूती लपटें एक एचएम संस्थान के हॉस्टल तक पहुंच चुकी थीं। फायर ब्रिगेड किसी तरह पहाड़ी रास्ते को पार कर घटनास्थल तक पहुंची और आग बुझाने में जुट गई। आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी आग की लपटें हॉस्टल के एक कमरे तक पहुंच ही गईं। जिससे वहां रखा सामान जल गया। बताया जा रहा है कि कुछ अराजक तत्वों ने एचएम संस्थान के पास चिलकपटिया के जंगल में आग लगा दी थी। जिसने बाद में विकराल रूप ले लिया।