रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग के केदारपुरी में मास्टरप्लान को लागू करने की सभी तैयारियां बहुत ही तेजी से चल रही हैं। केदारनाथ धाम में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए मंदिर का सौंदर्यीकरण करने के मास्टरप्लान के ऊपर काफी पहले से विचार चल रहा था जिसको अब गति मिली है। मंदिर मार्ग को भी चौड़ा किया जा रहा है। मगर लगता है कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के साथ ही केदारपुरी में मास्टर प्लान से केदारनाथ धाम के तीर्थपुरोहित खुश नहीं हैं। इसलिए वे लंबे समय से केदारपुरी में मास्टरप्लान को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। तकरीबन दो महीने से केदारनाथ के पुरोहित केदारपुरी में मास्टर प्लान को लेकर अपनी आवाज ऊंची कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुरोहितों के विरोध को राज्य सरकार द्वारा कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है।
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हाल ही में बीते गुरुवार को उन्होंने केदारनाथ में मास्टर प्लान के खिलाफ विरोध दर्ज करते हुए प्रदर्शन किया। तीर्थ पुरोहित नवीन बगवाड़ी ने अपने सिर के बालों को मुंडवा कर अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो वे सभी सामूहिक रूप में मुंडन करा कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। तीर्थ पुरोहित संतोष तिवारी ने भी चेतावनी दी है कि अगर तीर्थ पुरोहितों की मांग पूरी ना हो सके तो सभी पुरोहित समाधि लेने के लिए बाध्य होंगे। आइए आपको बताते हैं कि तीर्थ पुरोहित केदारनाथ में हो रहे मास्टर प्लान और पुनर्निर्माण कार्यों का विरोध आखिर क्यों कर रहे हैं। केदारनाथ सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला समेत सभी तीर्थ पुरोहितों का कहना है की पुनर्निमाण के नाम पर केदारनाथ में प्राचीन धार्मिक मान्यताओं को अनदेखा किया जा रहा है। सदियों से चलती आ रही परंपराओं के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। इसी के साथ प्राचीन गुफाओं के साथ भी छेड़खानी कर उनको आधुनिक रूप दिया जा रहा है जो कि धार्मिक लिहाज से गलत है।
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बता दें कि मंदिर के पुरोहित पिछले 2 महीने से इस मास्टर प्लान के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। मुंडन व प्रदर्शन के बाद मंदिर परिसर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि चारों धाम के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के साथ ही केदारपुरी में मास्टर प्लान वापस लेने की मांग को लेकर काफी लंबे समय से आवाज उठा रहे हैं। बीते गुरुवार को भी धाम में प्रदर्शन किया गया मगर न ही राज्य सरकार और न ही जिला प्रशासन इस बात पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा है इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार चारों धाम के पुरोहितों और सभा अध्यक्ष की मांग को काफी समय से अनदेखा कर रही है। इस कड़ी में चारों धाम के तीर्थ पुरोहित एकजुट होकर सरकार के निर्णय का तबतक विरोध करेंगे जबतक सरकार देवस्थानम् बोर्ड के साथ ही केदारपुरी में मास्टर प्लान वापस लेने के लिए सहमत नहीं हो जाती।