देहरादून: हिमालयी अंचल के लोग जीवटता और कभी हार ना मानने के जज्बे के लिए जाने जाते हैं। जीवटता और जिंदादिली की ऐसी ही शानदार मिसाल हैं उत्तराखंड के रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल। कर्नल अजय कोठियाल भले ही सेना से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उनका मिशन देशसेवा अब भी जारी है। कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में गठित यूथ फाउंडेशन सेना के लिए जांबाज तैयार करने के काम में जुटा है। कर्नल अजय कोठियाल को एक जांबाज और दिलेर अफसर माना जाता है। इन्हीं खूबियों की वजह से उन्हें कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। कहते हैं हम सभी में एक न एक प्रतिभा छिपी होती है। यूथ फाउंडेशन इसी प्रतिभा को तराशने का काम कर रहा है। फाउंडेशन के नेतृत्व में भविष्य के फौजी तैयार किए जा रहे हैं। हाल में यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले 180 कैडेट गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने।
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सेना का हिस्सा बनने के लिए पहाड़ के युवाओं में खूब जोश और जुनून दिखता है। इस जोश को सही दिशा देने और युवाओं को सेना भर्ती के लिए तैयार करने के उद्देश्य से यूथ फाउंडेशन का गठन किया गया था। गठन से लेकर अब तक यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले हजारों युवा भारतीय सेना का हिस्सा बन चुके हैं। सेना भर्ती के लिए ट्रेनिंग देने वाला ये संस्थान अब तक हजारों युवाओं की तकदीर बदल चुका है। हाल ही में संस्थान से ट्रेनिंग लेने वाले 180 युवा गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने। 27 जून और 4 जुलाई को हुई पासिंग आउट परेड में पहाड़ के 180 सूरमाओं ने देशसेवा की शपथ ली। कोरोना काल के दौरान हुई पासिंग आउट परेड में यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले 210 से ज्यादा युवा सेना का हिस्सा बन देश सेवा की राह पर कदम बढ़ा चुके हैं। जिनमें कुमाऊं मंडल के दो युवा गौरव और ललित भी शामिल हैं। ये दोनों पैरा कमांडो फोर्स का हिस्सा बनने में सफल रहे। यूथ फाउंडेशन की मीडिया टीम से जुड़े सुरेश कापड़ी बताते हैं कि फाउंडेशन अपने उद्देश्य में सफल रहा है।