उत्तराखंड पिथौरागढ़bridge connecting Munsiyari Milam is ready in 5 days

उत्तराखंड: जांबाजों ने सिर्फ 5 दिन में बना दिया चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल..जानिए खूबियां

पिछले पांच दिनों के भीतर बीआरओ जवानों ने पुल निर्माण का लगभग पूरा कर लिया है। जल्द ही पुल बनकर तैयार हो जाएगा....

Munsiyari Milam Bridge: bridge connecting Munsiyari Milam is ready in 5 days
Image: bridge connecting Munsiyari Milam is ready in 5 days (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में भारत से चीन सीमा तक जाने वाली सड़क पर वैली ब्रिज बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मुनस्यारी-मिलम क्षेत्र के सेनरगाड़ में बीआरओ के जवान वैली ब्रिज बनाने के काम में जुटे हैं। पिछले पांच दिनों के भीतर बीआरओ जवानों ने पुल निर्माण का काम लगभग पूरा कर लिया है। अब बस आखिरी फिनिशिंग का काम बचा है। इस पर वाहनों को ट्रायल हो गया है और सुरक्षा मानकों के लिहाज से ब्रिज एकदम फिट है। उम्मीद है जल्द ही पुल का बाकी काम भी पूरा हो जाएगा। पुल निर्माण की तस्वीरें देख आप का सिर गर्व से ऊंचा हो जाएगा। मुनस्यारी में खराब मौसम और विपरित परिस्थितियों के बावजूद बीआरओ के जांबाज पुल निर्माण के काम में जुटे हुए हैं। पांच दिन में पुल तैयार है। मुनस्यारी-मिलम क्षेत्र के सेनरगाड़ का ये वैली ब्रिज आम लोगों और खासतौर पर सेना के लिए कितना जरूरी है, इस बात का आपको अंदाजा होगा। आगे पढ़िए

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खास बात ये है कि ये पुल पहले से भी ज्यादा मजबूत है। शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। बीआरओ के बहादुर जवानों ने पुल टूटने के तुरंत बाद नए पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। सिर्फ 5 दिनों में निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया। ये पुल सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। सेनरगाड़ में बने पुल का इस्तेमाल सेना के जवान चीन सीमा तक पहुंचने के लिए करते हैं। इसी रास्ते से राशन और दूसरा जरूरी सामान बॉर्डर तक पहुंचाया जाता है। हिमालयी क्षेत्रों के 15 से ज्यादा गांव भी इसी पुल का इस्तेमाल करते हैं। पुल टूटने की वजह से स्थानीय लोग भी परेशान हैं। सेना के वाहनों की आवाजाही भी नहीं हो पा रही। बता दें कि भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाली मुनस्यारी-मिलम सड़क पर सेनर गाड़ में बना पुल सोमवार को टूट गया था।

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हादसा उस समय हुआ जब पुल से पोकलैंड मशीन लदा ट्राला गुजर रहा था। पुल टूटने की वजह से चीन सीमा से संपर्क भी कट गया है। सीमांत क्षेत्र में बसे मिलम, बिल्जू, बुर्फू, तूला, पांछू, गनघर, रालम, खिलांच, लास्पा, रिलकोट, लास्पा, बौगडियार और रालम गांव का भी जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। चीन सीमा पर स्थित सेना की चौकियों के लिए भी इसी पुल से आवाजाही होती है। इसे देखते हुए बीआरओ ने युद्धस्तर पर फिर से पुल निर्माण का काम शुरू किया है। बीआरओ के जवान पुल निर्माण के कार्य में दिन रात जुटे हुए हैं। यहां 24 घंटे काम किया जा रहा है। श्रमिकों से तीन शिफ्ट में काम लिया जा रहा है। जवानों की मेहनत का ही नतीजा है कि महज 5 दिन के भीतर पुल बनकर तैयार हो गया है। बीआरओ के कमान अधिकारी पीके राय ने कहा कि अगले कुछ दिनों में बाकी का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। पुल तय समय से पहले बनकर तैयार हो जाएगा।