उत्तराखंड उधमसिंह नगरTribute ceremony for pulwama martyr virendra singh rana at khatima

पुलवामा अटैक: उत्तराखंड शहीद की पत्नी बोली- बच्चे पूछते हैं, पापा कब आएंगे..क्या जवाब दूं?

एक साल का वक्त कम नहीं होता, पर शहीद वीरेंद्र virendra singh rana के परिवार के लिए तो जिंदगी मानों थम सी गई है। शहीद वीरेंद्र सिंह की पत्नी रेनू राणा कहती हैं कि बच्चे हर रोज पूछते हैं...पापा कब आएंगे। उन्हें क्या जवाब दूं। मासूम बच्चों के सवाल सुनकर

martyr virendra singh rana: Tribute ceremony for pulwama martyr virendra singh rana at khatima
Image: Tribute ceremony for pulwama martyr virendra singh rana at khatima (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: 14 फरवरी 2019...पिछले साल इसी दिन पुलवामा में हुए हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। सीआरपीएफ के जवानों के काफिले से एक गाड़ी टकराई, जिसके बाद भयंकर धमाका हुआ और सड़क पर हर तरफ लाशें और शरीर के टुकड़े नजर आने लगे। दिल दहला देने वाला ये मंजर देश कभी नहीं भूलेगा। पुलवामा में हुए हमले में उत्तराखंड ने भी अपने दो जवानों को खो दिया था। जिनमें उत्तराखंड शहीद वीरेंद्र सिंह राणा virendra singh rana भी शामिल हैं। शहीद वीरेंद्र का परिवार खटीमा में रहता है। एक साल का वक्त कम नहीं होता, पर शहीद के परिवार के लिए तो जिंदगी मानों थम सी गई है। शहीद वीरेंद्र सिंह की पत्नी रेनू राणा कहती हैं कि बच्चे हर रोज पूछते हैं...पापा कब आएंगे। उन्हें क्या जवाब दूं। मासूम बच्चों के सवाल सुनकर दिल तड़प उठता है। उनसे बहाना बनाती हूं कि पापा भगवान के पास गए हैं। जब भगवान भेजेंगे, तभी आएंगे। वीरेंद्र सिंह 45 सीआरपीएफ का हिस्सा थे। उनकी शहादत के बाद पत्नी रेनू परिवार का सहारा बन गई है। रेनू को तहसील में अनुसेवक की नौकरी मिल गई है। बेटा बियान नर्सरी में है, जबकि बेटी रूही यूकेजी में पढ़ रही है। उनका परिवार सरकारी आवास में रह रहा है।

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पिछले साल की कड़वी यादें रेनू को आज भी डराती हैं। वो कहती हैं कि जब आखिरी बार पति से बात हुई थी, तो उन्होंने कहा था कि रास्ते में हूं। पुलवामा पहुंचकर फोन करूंगा, लेकिन इसके बाद उनकी आवाज सुनने को नहीं मिली। रेनू कहती हैं कि उन्हें पति की शहादत पर गर्व है। शहीद के पिता 82 वर्षीय दीवान सिंह राणा भी बेटे को याद कर भावुक हो जाते हैं। वो कहते हैं कि हम महाराणा प्रताप के वंशज हैं, देशभक्ति हमारी रगों में दौड़ती है। मेरे बेटे ने देश के लिए शहादत दी, मुझे वीरेंद्र पर गर्व है। शहीद वीरेंद्र virendra singh rana का परिवार मोहम्मदपुर भुड़िया में रहता है। परिवार को उनके चले जाने का गम है, लेकिन वो खुद को किसी तरह संभाल रहे हैं, साथ ही मजबूती से एक-दूसरे का सहारा भी बने हुए हैं।