उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालHome stay plan important to stop migration

पौड़ी में DM की गजब पहल, पहला सरकारी होम स्टे बनकर तैयार..रुकेगा पलायन, मिलेगा रोजगार

पौड़ी के खिर्सू में पहाड़ी शैली में बना पहला होम स्टे मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है...खूबसूरत तस्वीरें देखिए

Home stay in khirsu: Home stay plan important to stop migration
Image: Home stay plan important to stop migration (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: होम स्टे योजना पहाड़ से पलायन खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है। प्रदेश सरकार होम स्टे को बढ़ावा दे रही है। पौड़ी में भी होम स्टे चेन की शुरुआत होने जा रही है। जिसके जरिए स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा। पौड़ी में ‘बासा’ नाम से होम स्टे चेन की शुरुआत होगी। योजना के पहले चरण में 5 जगहों पर होम स्टे बनाये जाएंगे। सतपुली और ब्यास घाट में कैंप भी शुरू होंगे। योजना पर काम शुरू हो गया है। पौड़ी के खिर्सू में पहाड़ी शैली में बना पहला होम स्टे मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है। इसके संचालन की जिम्मेदारी उन्नति महिला समूह को दी गई है। 15 महिलाओं का ये ग्रुप होम स्टे का संचालन करेगा। खास बात ये है कि इससे स्थानीय लगों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों की बिक्री का बाजार भी मिलेगा। इस बाजार में लोग स्थानीय उत्पादों को बेच सकते हैं। यात्रियों के लिए शुरुआत में होम स्टे के एक कमरे का किराया दो से ढाई हजार रुपये होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत होम स्टे का विधिवत रूप से शुभारंभ करेंगे। पौड़ी प्रशासन की इस शानदार पहल का श्रेय यहां के डीएम धीराज गब्र्याल, बीडीओ रामेश्वर चौहान और डीडीओ वेद प्रकाश को जाता है। धीराज गब्र्याल वही आईएएस अफसर हैं, जिनकी पहल पर पौड़ी के स्कूलों में गढ़वाली बोली में पढ़ाई की शुरुआत हुई। वो केएमवीएन के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं। उस वक्त उन्होंने कुमाऊं के सीमांत क्षेत्रों को होम स्टे योजना से जोड़ने के सफल प्रयोग किये थे। जिसकी बदौलत आज इन गांवों के लोग लाखों में कमाई कर रहे हैं। आगे देखइए होम स्टे की खूबसूरत तस्वीरें

  • होम स्टे चेन का नाम है ‘बासा’

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    अब डीएम की पहल पर पौड़ी में होम स्टे चेन का संचालन शुरू होने जा रहा है। इसमें उनका साथ बीडीओ रामेश्वर चौहान और डीडीओ वेद प्रकाश ने भी बाखूबी निभाया। खिर्सू में पहाड़ी शैली में होम स्टे बनाया गया है। जिसका संचालन महिलाएं करेंगी। महिलाओं को होम स्टे संचालन के लिए बकायदा प्रशिक्षण दिया गया है। होम स्टे चेन का नाम ‘बासा; है।

  • बासा का मतलब भी जानिए

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    गढ़वाली में ‘बासा’ का मतलब रात्रि में रुकने से है। होम स्टे संचालन के लिए पौड़ी प्रशासन ने महिलाओं के ग्रुप को मुनस्यारी भेजा था। खिर्सू में बना पहला होम स्टे बेहद शानदार है।

  • मिलेंगे पहाड़ी व्यंजन

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    इसमें लगे पत्थरों की नक्काशी देखने लायक है। ये बिल्कुल पहाड़ी महल जैसा नजर आता है। यहां रुकने वाले पर्यटकों को पहाड़ी व्यंजन चखने का मौका मिलेगा। स्थानीय उत्पाद भी बिक्री के लिए रखे जाएंगे।

  • ऐसे होने चाहिए प्रयास

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    उत्तराखंड के दूसरे जिलों में भी ऐसे प्रयास होने चाहिए। होम स्टे के जरिये लोगों को रोजगार मिलेगा, तो उन्हें काम के लिए घर-गांव छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।