उत्तराखंड देहरादूनPolice arrested four miscreants at Dehradun

दून में लूट की बड़ी साजिश नाकाम, वारदात को अंजाम देने से पहले पकड़े गए लुटेरे

सहारनपुर के लुटेरे नये साल पर अपने धंधे की धमाकेदार शुरुआत करना चाहते थे, पर इनका न्यू ईयर हैप्पी नहीं बन सका...

Dehradun: Police arrested four miscreants at Dehradun
Image: Police arrested four miscreants at Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, जैसे-जैसे शहर फैल रहा है, यहां अपराध भी बढ़ रहे हैं। यहां बड़े संस्थान हैं, मालदार लोग रहते हैं। यही वजह लुटेरों को दून में चोरी-डकैती के लिए आकर्षित करती है। गुरुवार को भी कुछ लुटेरे यहां बड़ी वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे। नये साल पर अपने धंधे की धमाकेदार शुरुआत करना चाहते थे, पर इनका न्यू ईयर हैप्पी नहीं बन सका। पुलिस ने गिरोह के चारों सदस्यों को वारदात को अंजाम देने से पहले ही धर दबोचा। चारों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं, तीन लोग अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। गिरोह के सदस्य अमीर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। ये उन लोगों को चुनते थे, जिनके पास खूब नकदी होती थी। गिरोह नकदी के बदले डेड अकाउंट से दोगुनी रकम ट्रांसफर करने का लालच देकर लोगों को लूटता था। नये साल पर भी ये गिरोह ऐसी ही वारदात को अंजाम देने के लिए ऋषिकेश आया था। ऋषिकेश पुलिस चौकन्नी हो गई, साथ ही दून पुलिस को भी अलर्ट कर दिया।

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सूचना मिलते ही एक पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसने तेजी से काम करते हुए गुरुवार रात चारों आरोपियों को धर दबोचा। बदमाश कार और बाइक में सवार होकर दून आए थे। पुलिस ने उन्हें रेसकोर्स से पकड़ा। पकड़े गए बदमाशों की पहचान फरमान, संजय कुमार, रवि कुमार और अनुज उर्फ शिवम के रूप में हुई। बदमाश सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और हरिद्वार के रहने वाले हैं। शुक्रवार को डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में लूट की नाकाम कोशिश का खुलासा किया। आरोपियों के पास से एक कार, बाइक, पिस्तौल और तमंचे समेत कई हथियार मिले हैं। ये गिरोह उन लोगों को अपना शिकार बनाता था, जिनके पास काफी नकदी हो। शिकार चुन लेने के बाद गिरोह का एक सदस्य एजेंट बनकर जाता था। कहता था कि उनके पास कंपनी का डेड अकाउंट है, जिसमें करोड़ों रुपये जमा हैं। इस रुपये को वो खुद नहीं निकाल सकते, लेकिन किसी के अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। शिकार को दोगुनी धनराशि देने का लालच दिया जाता था। फिर एक निश्चित डेट पर रुपयों का इंतजाम करने को कहा जाता था। जैसे ही रुपयों का इंतजाम होता आरोपी डील वाले दिन उस सदस्य को लूट लेते। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने गढ़वाल ज्वैलर्स के मालिक से भी डील की थी, जो कि तीन करोड़ रुपये की नकदी देने को तैयार हो गए थे। 31 दिसंबर को गिरोह के लोग ऋषिकेश में वारदात को अंजाम देने आये थे, पर पुलिस गश्त के चलते उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। बाद में ये गिरोह दून में किसी शराब कारोबारी से ढाई करोड़ की लूट को अंजाम देने वाला था, पर इससे पहले ही गिरोह के सदस्य पकड़े गए। अब पुलिस ऋषिकेश के सर्राफ से भी पूछताछ करेगी, सर्राफ से पूछा जाएगा कि उन्होंने इतनी बड़ी रकम घर में क्यों रखी। फिलहाल पुलिस गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश में जुटी है।