उत्तराखंड पिथौरागढ़Girish pant - famous nri made india proud globally

देवभूमि का सपूत..जो विदेश में हजारों लोगों के लिए बना देवदूत..इसे लोग कहते हैं ‘मसीहा’

उत्तराखंड के गिरीश पंत को दुबई में सब बजरंगी भाईजान कहते हैं, जानिए क्यों

Girish pant: Girish pant - famous nri made india proud globally
Image: Girish pant - famous nri made india proud globally (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पलायन पहाड़ के माथे पर कलंक सरीखा है। रोजगार की कमी और दूसरी मजबूरियां पहाड़ियों को घर-गांव छोड़ने पर मजबूर कर देती हैं। बाहर काम करने वाले लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, पहाड़ की याद भी सताती है, पर फिर भी उत्तराखंड के लोग अपनी तकलीफ से ज्यादा दूसरे लोगों की तकलीफ दूर करने के लिए काम करते हैं। यही बात पहाड़ के लोगों को सबसे अलग बनाती है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर हम आपको एक ऐसे ही पहाड़ी से रूबरू कराएंगे, जो कि पिछले कई सालों से दुबई में रहकर भारतीयों की मदद कर रहा है। इस शख्स का नाम है गिरीश पंत। गिरीश पिछले कई साल से दुबई में रह रहे हैं और अलग-अलग देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वतन लौटाने का नेक काम कर रहे हैं। गिरीश अब तक दुबई और दूसरे देशों में फंसे एक हजार से ज्यादा भारतीयों को अपने वतन लौटा चुके हैं। पिथौरागढ़ में एक जगह है बेरीनाग, गिरीश मूलरूप से यहीं के रहने वाले हैं। अपने घर-परिवार से दूर होना क्या होता है, ये गिरीश अच्छी तरह समझते हैं। विदेश में फंसे लोगों को घर पहुंचाने वाले गिरीश दुबई में बजरंगी भाईजान के नाम से फेमस हैं। समाजसेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिल चुका है। वैसे सबसे बड़ा सम्मान तो गिरीश के लिए वो खुशी है, जो उन्हें किसी की मदद करके मिलती है। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - 74 साल के बुजुर्ग इंद्र सिंह बिष्ट, बंजर जमीन पर सेब उगाया..अब हर साल 8 लाख की कमाई
गिरीश का मिशन समाजसेवा कैसे शुरू हुआ ये भी बताते हैं। साल 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा ने गिरीश को हिलाकर रख दिया था। अपने पहाड़ को आपदा का दंश झेलते देख गिरीश से रुका नहीं गया। उन्होंने 400 किलो राहत सामग्री और गढ़वाल-कुमाऊं के लिए 6-6 लाख रुपये इकट्ठे किए और दुबई से पहाड़ की ओर चल पड़े। यहीं से गिरीश लोगों की नजर में आए और विदेश में फंसे लोग उनसे मदद मांगने लगे। एक बार गिरीश ने दुबई में फंसे उत्तराखंड के निर्मल रावत को भी रेस्क्यू कराया था। गुजरात के 26 लोगों को भी वो वतन वापसी में मदद कर चुके हैं। इसी सेवाभाव के लिए हैदराबाद माइग्रेशन रिसोर्स सेंटर ने 2015 में गिरीश पंत को प्रवासी मित्रता अवार्ड से सम्मानित किया। इसी साल जनवरी में प्रयागराज में हुए अंतरराष्ट्रीय प्रवासी सम्मेलन में भी गिरीश को सम्मानित किया जा चुका है। गिरीश की पढ़ाई दिल्ली में हुई है, उन्होंने एमबीए फाइनेंस की डिग्री हासिल की है। साल 2008 में वो दुबई की कंपनी के लिए काम करने लगे। गिरीश बताते हैं कि सालों पहले जब उनके किसी रिश्तेदार की दुबई में मृत्यु हुई तो उनके शव को हिंदुस्तान लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी दौरान उन्होंने दुबई के कानून की जानकारी हासिल की, बाद में इस जानकारी का इस्तेमाल विदेश में फंसे लोगों को वतन पहुंचाने के लिए करने लगे। गिरीश पंत जैसे लोग उत्तराखंड का गर्व हैं, ऐसे लोगों को हमारा सलाम...