उत्तराखंड अल्मोड़ाDwarahaat kaushalya devi fought with leopard

पहाड़ की कौशल्या बिष्ट..इस मर्दानी के आगे खूंखार तेंदुए ने मानी हार, हिम्मत देख उल्टे पांव भागा

पहाड़ की महिलाओं को ना जाने कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसका एक ज्वलंत उदाहरण हैं कौशल्या देवी। जिनकी हिम्मत के आगे तेंदुए ने हार मान ली

उत्तराखंड न्यूज: Dwarahaat kaushalya devi fought with leopard
Image: Dwarahaat kaushalya devi fought with leopard (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: यूं ही नहीं कहा जाता कि पहाड़ की नारियां हर मुश्किल का सामना करना जानती हैं। बड़ी से बड़ी मुश्किल को जो पल में आसान बना दे, वो हैं पहाड़ की नारियां। इन्हीं नारियों में से एक हिम्मती नारी हैं कौशल्या देवी बिष्ट। कौशल्या अल्मोड़ा में द्वाराहाट क्षेत्र के ढूंगाधारा गांव की रहने वाली हैं। दरअसल कौशल्या देवी जंगल में घास लेने गई थी। जब वो घास लेकर वापस लौट रही थीं तो घात लगाकर बैठे एक खूंखार तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुए को देखकर अच्छे खासे इंसानों की सांस थम जाती है लेकिन कौशल्या देवी डरी नहीं। तेंदुए ने कौशल्या देवी पर झपट्टा मारा, जिससे उनका घास का गठ्ठा गिर गया। बस अब कौशल्या देवी के हाथ में दरांती और सामने तेंदुआ था। कौशल्या देवी जरी नहीं बल्कि शेरनी की मानिंद दहाड़कर तेंदुए पर ही दंराती के साथ झपट पड़ी। शायद ऐसे जवाबी हमले की तेंदुए ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। कौशल्या लगातार चिल्लाती रहीं और तेंदुए पर एक के बाद एक दंराती से प्रहार करती रहीं। उनको आक्रामक होता देख तेंदुआ मौके सेभाग खड़ा हुआ। कौशल्या देवी के पैर में तेंदुए के पंजों के निशान अभी भी हैं। फिलहाल उनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। इसके बाद जब सुबह वनाधिकारी और कर्मचारी गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई। गांववालों ने चेतावनी दी कि अगर तत्काल पिंजरा नहीं लगाया गया तो वे विभाग के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देंगे। राज्य समीक्षआ की टीम की तरफ से कौशल्या देवी की हिम्मत को सलाम।
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