उत्तराखंड उधमसिंह नगरInternational level green field airport will be built in pantnagar

खुशखबरी-उत्तराखंड में बनेगा इंटरनेशनल लेवल का ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, जानिए खास बातें

ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट चिन्हित 1122 एकड़ भूमि पर ही बनेगा, ये भी तय हो चुका है।

Pantnagar: International level green field airport will be built in pantnagar
Image: International level green field airport will be built in pantnagar (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में हवाई सेवाओं के विस्तार की कवायद के अच्छे नतीजे दिखने लगे हैं। एक अच्छी खबर पंतनगर एयरपोर्ट को लेकर आ रही है। इस एयरपोर्ट के विस्तार की कवायद शुरू हो गई है। पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट अटरिया रोड पर पंतनगर यूनिवर्सिटी के अधीन चिन्हित 1122 एकड़ भूमि पर ही बनेगा, ये भी तय हो चुका है। जरूरी प्री-फिजिबिलिटी सर्वे होने के बाद यहां ओएलएस सर्वे होना है। जिसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को जमीन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। शनिवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और उनकी टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव मनीषा पंवार और वित्त सचिव अमित नेगी भी मौजूद थे। उन्होंने क्षेत्र का जायजा लिया। साथ ही एयरपोर्ट के डायरेक्टर एसके सिंह से मुलाकात भी की।

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बैठक में एयरपोर्ट डायरेक्टर एसके सिंह ने कहा कि ओएलएस सर्वे के लिए 10.75 लाख रुपये की जरूरत है। जिस पर मुख्य सचिव ने सचिव स्टेट एविएशन को फोन कर तुरंत धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। एयरपोर्ट पर विस्तारीकरण प्रक्रिया को लेकर अहम बैठक हुई, जिसमें डायरेक्टर एसके सिंह ने अब तक की प्रगति के बारे में मुख्य सचिव को जानकारी दी। मुख्य सचिव ने प्राग फार्म और खुरपिया फार्म का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के अधीन 1122 एकड़ भूमि न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए उपयुक्त है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यहां हवाई सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके क्या-क्या फायदे होंगे, ये भी बताते हैं। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तहत बनाया जाएगा। जिसके बाद इसका इस्तेमाल लॉजिस्टिक हब के तौर पर होगा। सिडकुल के उद्योगपति बाहर से कच्चा माल लाने और तैयार माल ले जाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे प्रदेश में पर्यटन के साथ-साथ उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।