उत्तराखंड नैनीतालAfter Hyderabad encounter now the killer of nanhi kali is waiting to be hanged

उत्तराखंड: 7 साल की बच्ची की दर्दनाक कहानी, जो आज भी कलेजा चीर देती है..कब मिलेगा इंसाफ?

हैदराबाद की बेटी को सिर्फ 10 दिन में इंसाफ मिल गया, जबकि पहाड़ का एक परिवार पिछले 5 साल से न्याय मिलने का इंतजार कर रहा है...

Hyderabad encounter: After Hyderabad encounter now the killer of nanhi kali is waiting to be hanged
Image: After Hyderabad encounter now the killer of nanhi kali is waiting to be hanged (Source: Social Media)

नैनीताल: हैदराबाद एनकाउंटर को लेकर पूरे देश में अलग ही माहौल है। हैदराबाद में दरिंदगी की शिकार हुई बेटी को महज 10 दिन में इंसाफ मिल गया, लेकिन उत्तराखंड की नन्हीं कली का परिवार पिछले 5 साल से न्याय मिलने का इंतजार कर रहा है। ये परिवार अपनी लाडली के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को फांसी पर चढ़ते देखना चाहता है। जिन वहशियों ने मासूम की जान ले ली, परिवार को जीते जी मरने की हालत में छोड़ दिया, उन दरिंदों को लिए फांसी जैसी सजा भी कम है। घटना को पांच साल हो गए हैं, लेकिन ये घटना आज भी गहरे घाव की तहर हर पहाड़वासी को टीस दे रही है। यहां आपको पूरा मामला भी जानना चाहिए। दिल दहला देने वाली ये घटना हल्द्वानी में हुई। 20 नवंबर 2014 को पिथौरागढ़ में रहने वाला एक परिवार हल्द्वानी गया हुआ था। जहां शीशमहल स्थित रामलीला मैदान में एक विवाह समारोह चल रहा था। देर शाम विवाह समारोह से 7 साल की बच्ची का अपहरण हो गया। माता-पिता बदहवास हो बच्ची को खोजते रहे, पर उसका कुछ पता नहीं चला। 25 नवंबर को नन्हीं कली का शव गोला नदी के किनारे पड़ा मिला। जिसने भी बच्ची की हालत देखी, उसका कलेजा कांप उठा। मासूम की हत्या से पहले उसके साथ जैसी दरिंदगी हुई थी, उसे देख पूरा पहाड़ सुलग उठा। लंबी तहकीकात के बाद आखिरकार पुलिस हत्यारों तक पहुंचने में कामयाब हो गई।

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पुलिस ने इस मामले में डंपर चालक अख्तर अली उर्फ मकसूद उर्फ राजा निवासी मुखलिस, बेतिया, पश्चिमी बिहार, चालक प्रेमलाल वर्मा निवासी हैदरगंज, जहानाबाद, पीलीभीत और रुद्रपुर निवासी जूनियर मसीह उर्फ फोक्सी को गिरफ्तार किया था। घटना के करीब एक साल बाद जिला जज नैनीताल की अदालत ने मुख्य अभियुक्त अख्तर अली को फांसी और प्रेमलाल को पांच साल कारावास की सजा सुनाई। वहीं जूनियर मसीह को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था। अक्टूबर 2019 में हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। मासूम के परिवार ने भी सर्वोच्च अदालत में अर्जी लगाई है और अपने लाडली को इंसाफ मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह हैदराबाद में दरिंदगी की शिकार पीड़ित को तुरंत इंसाफ मिला, उसी तरह मासूम कली के हत्यारों को भी जल्द से जल्द फांसी दी जाए। हैदराबाद पुलिस एनकाउंटर की कार्रवाई के बाद नन्हीं कली के हत्यारों को भी तुरंत फांसी देने की मांग मुखर हो उठी है।