देहरादून: एक बड़ी खबर देहरादून से आ रही है, जहां बिल्डिंग टैक्स चोरी करने वाले प्रतिष्ठानों की चोरी पकड़ी गई है। नगर निगम ने बिल्डिंग का क्षेत्रफल कम बताने वाले नामी संस्थानों पर भारी जुर्माना लगाया है। इन प्रतिष्ठानों से अब टैक्स तो वसूला ही जाएगा, इन्हें भारी जुर्माना भी देना होगा। सेल्फ एसेसमेंट (स्वकर निर्धारण) के आधार पर भवन कर जमा करने में करोड़ों रुपये की चोरी पकड़ी गई है। शहर के 15 नामी प्रतिष्ठानों पर आरोप लगा है कि इन्होंने अपने प्रतिष्ठान के क्षेत्रफल को जानबूझकर कम दिखाकर नगर निगम में टैक्स जमा कराया, पर ये चालाकी काम नहीं आई। मंगलवार को नगर आयुक्त के निर्देश पर टीम पैमाईश करने पहुंची तो बड़ा खुलासा हुआ। अमर उजाला की खबर के मुताबिक नगर निगम ने स्थलीय निरीक्षण में की नामी संस्थानों की पैमाईश में बड़ा अंतर पाया। सबसे ज्यादा टैक्स और जुर्माना पैसेफिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन पर लगाया गया है। इन्हें 4.89 करोड़ रुपये जुर्माने के साथ बतौर टैक्स भरने होंगे।
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इसके अलावा जेकेजे रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड पर 19,26,577 रुपये, सैयद फकीर अहमद (एसबीआई क्षेत्रीय कार्यालय) पर 18,00,147 रुपये, होटल सोलिटेयर पर 28,58,455 रुपये, होटल सेफरन लीफ पर 27,56,122 रुपये, होटल जेएसआर पर 33,78,590 रुपये , होटल सौरभ पर 22,38,058 रुपये, होटल ग्रीन मैजेस्टिक पर 4,84,404 रुपये जुर्माना समेत टैक्स लगाया गया है। होटल श्याम रेजीडेंसी को 3,89,117 रुपये, शेखर एंड मंयख डिजाईनर को 68,977 रुपये , तनिष्क ज्वैलर्स को 4,56,135 रुपये , आशीर्वाद एसोसिएशन को 19,71,306 रुपये भरने होंगे। ग्रैंड प्लाजा कांप्लेक्स को 1,38,380 रुपये और वृंदावन टावर वालों को 4,02169 रुपये जुर्माना समेत टैक्स भरना होगा। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि बिल्डिंग मालिकों से भवनकर स्वकर निर्धारण प्रपत्र (फॉर्म) के माध्यम से जमा कराया जाता है, लेकिन काफी समय से शक था कि ये लोग वास्तविक पैमाइश के आधार पर टैक्स जमा नहीं कर रहे। मंगलवार को 50 संपत्तियों के फॉर्म चेक पर उनका स्थलीय निरीक्षण किया गया तो 15 संपत्तियों की पैमाइश में बड़ा अंतर मिला। अब इन्हें जुर्माने के साथ टैक्स भरना होगा।