उत्तराखंड देहरादूनAuto drivers can not get higher fare in Doon dial 112

देहरादून में नहीं चलेगी ऑटो वालों की मनमानी, ज्यादा किराया वसूला तो इस नंबर पर करें कॉल

ऑटो-विक्रम वालों की मनमानी के दिन लद गए समझो, अब ज्यादा किराया वसूलने वाले ऑटो-विक्रम चालकों से पुलिस निपटेगी...

SSP Arun Mohan Joshi: Auto drivers can not get higher fare in Doon dial 112
Image: Auto drivers can not get higher fare in Doon dial 112 (Source: Social Media)

देहरादून: ऑटो-विक्रम वालों की मनमानी से हर कोई परेशान है। ये तय रेट से ज्यादा किराया वसूलते हैं, कोई विरोध करता है तो मारपीट पर उतारू हो जाते हैं, पर अब ये सब नहीं चलने वाला। देहरादून में विक्रम-ऑटो या ई-रिक्शा वाला ज्यादा किराया मांगे तो तुरंत 112 नंबर पर कॉल करें। पुलिस आपकी मदद करेगी। यही नहीं संबंधित ड्राइवर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी करेगी। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने एसपी ट्रैफिक को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाओं वाहनों में अनिवार्य रूप से किराया सूची लगाने को कहा है। पुलिस के इस कदम से आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन पर रात के वक्त यात्रियों से होने वाली लूटपाट पर लगाम लगेगी। ऑटो, विक्रम और ई-रिक्शा वाले देहरादून की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए मर्ज बन गए हैं। ट्रैफिक रूल्स तो मानों इनके लिए बने ही नहीं। जहां मन किया वाहन खड़ा कर देते हैं। यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते हैं। रात में यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर तय किराये से ज्यादा रुपये ऐंठते हैं।

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कई बार देहरादून में एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए जितना किराया वसूला जाता है, उतने में तो आदमी दिल्ली से देहरादून पहुंच जाए। विरोध करने पर यात्रियों से बदसलूकी की जाती है। शहर में इस वक्त पांच हजार से ज्यादा ऑटो दौड़ रहे हैं, हालांकि इनमें रजिस्टर्ड ऑटो सिर्फ 2387 ही हैं। परिवहन विभाग ने ऑटो ड्राइवर के लिए भूरे रंग की वर्दी निर्धारित की है, जिस पर नेम प्लेट भी लगी होनी चाहिए, पर ये बिना वर्दी के रहते हैं। अब एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने सिटी बस, विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा में किराया सूची अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए हैं। लोगों से भी कहा है कि वो मनमाना किराया वसूले जाने पर पुलिस को कॉल करें। आपको बता दें कि साल 2010 और 2013 में भी प्रीपेड व्यवस्था लागू की गई थी, पर ये फेल हो गई। साल 2016 में ये व्यवस्था फिर लागू की गई, पर ऑटो-विक्रम वाले अब भी मनमाना किराया वसूलने से बाज नहीं आ रहे।