उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand panchayat election 2019-result only 21-vote made village head

उत्तराखंड पंचायत चुनाव के दिलचस्प आंकड़े कोई हजारों वोट लेकर भी हारा, तो कोई सिर्फ 21 वोट से बना प्रधान

पंचायत चुनाव में कई प्रत्याशी हजारों वोट हासिल करने के बाद भी चुनाव हार गए, तो कहीं महज 21 वोट हासिल करने वाला प्रत्याशी प्रधान बन गया...

Uttarakhand: Uttarakhand panchayat election 2019-result only 21-vote made village head
Image: Uttarakhand panchayat election 2019-result only 21-vote made village head (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में हुए पंचायत चुनाव के जरिए ग्रामीणों ने गांव की छोटी सरकार चुन ली। इस चुनाव में कई जगह बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। कहीं-कहीं रिकाउंटिंग की भी मांग की गई। कई प्रत्याशी ऐसे थे, जिन्हें हजारों वोट मिले, पर वो फिर भी हार गए। तो वहीं कई प्रत्याशी महज दो वोट ज्यादा पाकर गांव की सरकार बनाने में कामयाब हो गए। सबसे दिलचस्प मुकाबला देहरादून के चकराता विकासखंड में देखने को मिला। यहां थणता गांव में पंचायत चुनाव में कुल छह प्रत्याशी मैदान में थे। जिनमें पप्पू दास, बारू, यशपाल, राजू दास, रमेश और वीरेंद्र शामिल हैं। वोटिंग के दिन सिर्फ 25 वोट पड़े थे। जब तक रिजल्ट नहीं आया तब तक हर प्रत्याशी की सांस गले में अटकी हुई थी। सोमवार को मतगणना हुई तो 21 वोट अकेले वीरेंद्र सिंह के खाते में गए मिले, जबकि रमेश नाम के प्रत्याशी को तो एक वोट भी नहीं मिला।

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पप्पू दास, बारू, यशपाल और राजूदास भी सिर्फ एक-एक वोट हासिल कर पाए। रात नौ बजे तक कुल 145 ग्राम पंचायतों की मतगणना पूरी हो चुकी थी। जिनमें सबसे कम जीत का अंतर दो वोट का रहा। रायपुर के धारकोट में हसो देवी ने दो वोट से चुनाव जीता। इसी तरह चकराता के बावनधार के सोनू, और कालसी के चंदेऊ की सरिता देवी ने भी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को दो-दो वोट से शिकस्त देकर गांव की सरकार बनाई। कई अन्य प्रत्याशी भी महज चार, पांच और सात वोट के करीबी अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे। इन प्रत्याशियों की जीत ने ये साबित कर दिया कि एक-एक वोट कीमती होता है। देहरादून जिले में कुल 117 गांवों के प्रधान निर्विरोध चुने गए। 27 क्षेत्र पंचायत सदस्यों को भी निर्विरोध चुना गया। ग्राम पंचायतों में ज्यादातर वो लोग जीते हैं जो एक या दो बार से प्रधान पद पर बने हुए हैं।