उत्तराखंड देहरादूनTiger killed forest guard in kotdwara

कोटद्वार में बाघ ने फॉरेस्ट गार्ड को मार डाला, जंगल में मिली अधखाई लाश

बाघ ने पहले फॉरेस्ट गार्ड को हमला कर जख्मी कर दिया, पांच घंटे बाद बाघ उसी जगह पर वापस लौटा और घायल फॉरेस्ट गार्ड को मार डाला....

forest guard killed: Tiger killed forest guard in kotdwara
Image: Tiger killed forest guard in kotdwara (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में आदमखोर जानवर दहशत का सबब बने हुए हैं। गुलदार के साथ-साथ बाघ भी नरभक्षी हो रहे हैं, लोगों की जान ले रहे हैं। मामला कोटद्वार का है, जहां बाघ ने गश्त कर रहे फोरेस्ट गार्ड पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। बाघ ने दूसरे साथियों के सामने ही फॉरेस्ट गार्ड की जान ले ली। बाद में फॉरेस्ट गार्ड की अधखाई लाश घने जंगल में मिली। लाश की हालत देख वनकर्मियों का कलेजा मुंह को आ गया। घटना कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर) के प्लेन रेंज में घटी। रविवार को 46 साल का फॉरेस्ट गार्ड राजेश नेगी अपने दो साथी वनकर्मियों के साथ जंगल में गश्त कर रहा था। इसी दौरान शाम साढ़े चार बजे एक बाघ ने राजेश पर हमला कर दिया। साथी वनकर्मी पूरण सिंह और कमल सिंह ने हवाई फायरिंग की, जिसके बाद बाघ वहां से भाग गया, लेकिन हमले में राजेश नेगी बुरी तरह घायल हो गए थे। साथी वनकर्मियों ने राजेश को पीठ पर लादा, घंटों तक पैदल चलते रहे और एक खुले-सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर अधिकारियों को हादसे की सूचना दी। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही बचाव टीम को मौके पर भेजा जा रहा है, राजेश को अस्पताल भेजने के इंतजाम किए जा रहे हैं, तब तक तुम इंतजार करो।

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वनकर्मी इंतजार करने लगे, लेकिन बाघ राजेश की मौत बनकर आया था। रात के साढ़े नौ बजते ही बाघ उसी जगह फिर पहुंच गया जहां साथी वनकर्मियों ने घायल राजेश को लेटा रखा था। दोनों वनकर्मियों की आंखों के सामने ही बाघ जमीन पर लेटे राजेश को अपने साथ घसीट कर जंगल में ले गया। बाद में राजेश की क्षत-विक्षत लाश जंगल में पड़ी मिली। घंटों चले सर्च ऑपरेशन के बाद कहीं जाकर राजेश का शव ढूंढा जा सका। बाघ राजेश के पैर खा गया था। बाघ के आदमखोर होने की भी आशंका जताई जा रही है, क्योंकि बीती 15 जुलाई को इसी रेंज में एक फायर वाचर सोहन सिंह पर भी बाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। माना जा रहा है कि राजेश पर भी इसी बाघ ने हमला किया।