अल्मोड़ा: पिरूल को पहाड़ का दुश्मन कहा जाता है, पर पिरूल का बेहतर इस्तेमाल कैसे करना है, ये सीखना हो तो उत्तराखंड के खैरदा गांव चले आइए, जहां नवीं में पढ़ने वाली नन्ही ईशा पिरूल से ऐसे-ऐसे प्रोडक्ट तैयार कर रही है, जिनका कोई जवाब नहीं। ईशा द्वारा पिरूल से बनाई टोकरियां बेहद खूबसूरत हैं, साथ ही टिकाऊ भी। खेल-खेल में इस बच्ची ने पिरूल से ऐसी खूबसूरत टोकरियां बनाई हैं, जो कि पॉलीथिन का विकल्प बन सकती हैं। इससे पर्यावरण बचेगा, साथ ही पिरुल आजीविका का साधन भी बन जाएगा। यहां हम आपको ईशा के बारे में बताएंगे साथ ही उसकी बनाई पिरूल की टोकरियों की तस्वीरें भी दिखाएंगे। ईशा की कलाकारी ने हमारा दिल जीत लिया, उम्मीद है आपको भी उसकी बनाई टोकरियां जरूर पसंद आएंगी। नैनीताल और अल्मोड़ा जिले की सीमा से सटा है रामगढ़ ब्लॉक, इसी ब्लॉक में पड़ता है खैरदा गांव, जो शहरी चकाचौंध से कोसों दूर है। ईशा इसी गांव में रहती है। आगे देखिए तस्वीरें