उत्तराखंड Wrestling champion labhanshu Sharma reached london on world peace tour

Video: देहरादून से लंदन पहुंची UK नंबर की कार, बकिंघम पैलेस के सामने लहराया गया तिरंगा

अपनी देवभूमि का लड़का जब UK नंबर की कार लंदन के बकिंघम पैलेस के सामने खड़ी करता है तो गर्व का अहसास होता है...देखिए वीडियो

labhanshu Sharma: Wrestling champion labhanshu Sharma reached london on world peace tour
Image: Wrestling champion labhanshu Sharma reached london on world peace tour (Source: Social Media)

: उत्तराखंड के लोग अपने देश अपने राज्य से बेहद प्यार करते हैं। पहाड़ के प्रति अपना प्यार जताने का कोई मौका नहीं छोड़ते। अब कुश्ती चैंपियन लाभांशु शर्मा को ही देख लीजिए, हाल ही में लाभांशु ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें वो उत्तराखंड के नंबर वाली कार लेकर लंदन के बकिंघम पैलेस के सामने खड़ी हैं। इस वीडियो को देखकर मजा आ गया। ये कल्पना कर पाना ही बेहद मुश्किल है कि अपने देवभूमि का एक लड़का, उत्तराखंड के नंबर वाली कार लेकर बकिंघम पैलेस पहुंच जाए, पर लाभांशु ने इस कल्पना को सच कर दिखाया। उत्तराखंड के ऋषिकेश में रहने वाले कुश्ती चैंपियन लाभांशु शर्मा विश्व शांति यात्रा पर निकले थे। वो अपनी कार से पूरी दुनिया का चक्कर लगा रहे हैं ताकि लोगों तक विश्व शांति का संदेश पहुंचा सकें। ये यात्रा लंदन जाकर खत्म हुई। यात्रा अगस्त में देहरादून से शुरू हुई थी। अब तक लाभांशु 28 देशों की यात्रा कर चुके हैं। दो महीने की यात्रा के बाद वो लंदन पहुंचे और बकिंघम पैलेस के पास उत्तराखंड के नंबर वाली कार खड़ी कर के एक शानदार वीडियो बनाया। आगे देखिए वीडियो

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ये हर उत्तराखंडवासी के लिए बेहद गर्व की बात है, क्योंकि हमारी देवभूमि का एक युवा अपनी कार से सौ देशों की यात्रा पर निकला है, ऐसा करने के लिए साहस और जुनून दोनों चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन लाभांशु राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से सम्मान हासिल कर चुके हैं। वो पिछले कई साल से सौ देशों की यात्रा की प्लानिंग कर रहे थे, पर मौका अब मिला है। उनकी कार पर तिरंगे का स्टीकर है, साथ ही अलग-अलग भाषाओं में विश्व शांति के संदेश लिखे हैं। लाभांशु के पिता और बड़े भाई विशाल भी उनके साथ यात्रा पर निकले हैं। वो अब नेपाल, तिब्बत, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और रूस को कवर करते हुए फ्रांस पहुंच गए हैं। लाभांशु कहते हैं कि एफिल टावर के पास उत्तराखंड नंबर की कार खड़ी कर के उन्हें जिस गर्व का अहसास हुआ, उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता। अभी उन्हें लंबा सफर तय करना है। वापस लौटकर वो इस सफर के अनुभव सब से शेयर करेंगे।

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