उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालSoni bisht cultivated mushroom in pauri

गढ़वाल: शादी के बाद बहू ने घर में शुरू की मशरूम की खेती, हो रही है अच्छी-खासी कमाई

सोनी शादी के बाद अपना काम करना चाहती थीं, ससुरालवालों ने भी सपोर्ट किया और सोनी की सफलता की राह पर चल पड़ी...

Soni bisht: Soni bisht cultivated mushroom in pauri
Image: Soni bisht cultivated mushroom in pauri (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ की मेहनती बेटियां स्वरोजगार के जरिए सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं, इन्हीं में से एक हैं पौड़ी की सोनी बिष्ट रावत, 25 साल की सोनी का मायका चमोली के जोशीमठ में है। शादी के बाद वो पौड़ी आ गईं और गांव में रहकर ही काम करने की सोची। जहां चाह, वहां राह...उत्तराखंड की मशरूम गर्ल दिव्या रावत से प्रेरित होकर सोनी ने अपने गांव में मशरूम की खेती शुरू की, देखते ही देखते काम चल निकला और आज सोनी हर महीने 15 से 20 हजार रुपये कमा रही हैं। सोनी की सफलता के पीछे उनके ससुरालवालों का भी अहम योगदान है। शादी के एक महीने बाद ही सोनी ने ससुराल में मशरूम की खेती करना शुरू कर दिया था, जिसमें उनके ससुरालवालों ने भी मदद की। सोनी कहती हैं कि हमें गांव में रह कर ही रोजगार के अवसर तलाशने चाहिए। उत्तराखंड में पर्यटन और खेती में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, बस मेहनत से काम करने वाला चाहिए। स्वरोजगार से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, साथ ही पलायन भी रुकेगा। सोनी बिष्ट मूलरूप से जोशीमठ के रंगी गांव की रहने वाली हैं। वो कहती हैं कि उनके मायके में आलू, मटर और सेब की अच्छी खेती हो सकती है। इसके अलावा भी रोजगार के कई माध्यम हैं। महिलाएं स्वरोजगार से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकती हैं। सोनी ने शुरुआत में 30 बैग से मशरूम की खेती का काम शुरू किया था। आज उनका पूरा परिवार इस काम को अपना चुका है। सोनी बिष्ट के देवर अभिषेक भी अब शहर की नौकरी छोड़कर गांव में रहकर काम कर रहे हैं। वो कहते हैं कि बाजार में मशरूम की अच्छी डिमांड है, हम हर महीने 20 किलो मशरूम बाजार में बेच रहे हैं। अब हम अपने काम को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, ताकि गांव के दूसरे बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार से जोड़ सकें।