उत्तराखंड देहरादूनChildren home academy case may like nithari scandal and human organ trafficking

देवभूमि में हो सकता है निठारी जैसे कांड का खुलासा, चिल्ड्रन होम में मानव अंगों की तस्करी का शक

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि सही तरीके से जांच हो तो एकेडमी मे निठारी कांड जैसा खुलासा हो सकता है...पढ़ें पूरी खबर

Children home academy: Children home academy case may like nithari scandal and human organ trafficking
Image: Children home academy case may like nithari scandal and human organ trafficking (Source: Social Media)

देहरादून: ऋषिकेश की चिल्ड्रेन होम एकेडमी एक बार फिर विवादों में है। शनिवार को एकेडमी में पढ़ने वाले 8वीं के छात्र अभिषेक रविदास की मौत हो गई। अभिषेक बीमार था, वो पंजाब के जालंधर का रहने वाला था। वहीं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने एकेडमी में मानव अंगों की तस्करी होने का संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि कायदे से जांच हो तो एकेडमी में निठारी जैसे कांड का खुलासा हो सकता है। रानीपोखरी के भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम एकेडमी के हॉस्टल के बगल में ही कब्रिस्तान बना है। ये कब्रिस्तान किसकी अनुमति से बनाया गया, इस बारे में एकेडमी प्रबंधन जवाब नहीं दे रहा। एकेडमी में छात्रों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में इस बात की आशंका है कि यहां भी निठारी जैसे कांड को अंजाम दिया गया हो। निरीक्षण के दौरान एकेडमी में 5 छात्र बीमार मिले, जिन्हें आयोग की अध्यक्ष की फटकार के बाद अस्पताल पहुंचाया गया।

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शनिवार को 8वीं के छात्र अभिषेक रविदास की मौत के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी एकेडमी पहुंची। पूछताछ के दौरान एकेडमी प्रबंधन ने बताया कि बीमार बच्चे को स्कूल के छोटे से अस्पताल में रखा गया था। ऊषा नेगी ने कहा कि बच्चा दो दिन से बीमार था, फिर भी उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। छोटे अस्पताल में डॉक्टर भी नहीं था, सिर्फ नर्स के भरोसे बच्चे को छोड़ दिया गया। तीसरे दिन बच्चे को जौलीग्रांट ले जाया गया। इसके बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई। ये भी संदेहास्पद है। जौलीग्रांट अस्पताल मे बच्चे की मौत हो गई। ये सरासर स्कूल की लापरवाही का मामला है। उन्होंने एकेडमी के हॉस्टल के बगल में ही कब्रिस्तान होने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आखिर हॉस्टल के बगल में ही कब्रिस्तान कैसे बना दिया गया। कब्रिस्तान में दफन होने वाले का नाम, पता, जन्मतिथि और अंतिम क्रिया की तिथि भी कब्र पर अंकित नहीं है। आयोग ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही डीएम देहरादून और एसएसपी से मामले की पड़ताल करने की सिफारिश भी की। बता दें कि रानीपोखरी की इसी एकेडमी में बीते 10 मार्च को वासु यादव नाम के बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।