उत्तराखंड देहरादूनStudent cut by train during cross railway line in Dehradun

देहरादून में रेलवे क्रॉसिंग पर दर्दनाक हादसा, मासूम बच्चे की गर्दन से गुजरी ट्रेन..हुई मौत

7वीं में पढ़ने वाला अनुभव रेलवे क्रॉसिंग पार करते वक्त पटरी पर गिर गया, तभी धड़धड़ाती ट्रेन उसकी गर्दन पर से गुजर गई...

देहरादून न्यूज: Student cut by train during cross railway line in Dehradun
Image: Student cut by train during cross railway line in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: अगर आपके बच्चे भी रेलवे पटरी पार कर स्कूल जाते हैं, तो इस खबर को ध्यान से पड़ें। देहरादून में रेल की पटरी पार करते वक्त 7वीं के छात्र के साथ जो हुआ, वो पढ़कर आपका भी दिल दहल जाएगा। पटरी पार करने की हड़बड़ाहट में मासूम पटरी के पास गिर गया था। तभी धड़धड़ाती हुई ट्रेन उसकी गर्दन के ऊपर से गुजर गई। हादसा इतना दर्दनाक और दिल दहला देने वाला था कि वहां मौजूद लोगों के रौंगटे खड़े हो गए। बच्चे के साथी अपने दोस्त की खून से लतपथ लाश देख बुरी तरह डर गए, बच्चों की चीख से पूरा इलाका दहल गया। हदासा मोहकमपुर फाटक के पास हुआ। जहां सातवीं में पढ़ने वाला छात्र अनुभव स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर लौट रहा था। वो केंद्रीय विद्यालय में पढ़ता था। दोपहर ढाई बजे अनुभव और उसके साथी रेलवे लाइन क्रास कर रहे थे, कि तभी अनुभव गिर गया। बच्चा संभल पाता, इससे पहले ही हरिद्वार से आ रही राप्ती-गंगा एक्सप्रेस उसके ऊपर से गुजर गई। हादसे में अनुभव की गर्दन और उसका एक हाथ शरीर से अलग हो गया।

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बच्चे की मौत की खबर जैसे ही घर पहुंची, परिवार में कोहराम मच गया। दूसरे छात्रों ने बताया कि अनुभव ने एक बार पटरी को पार कर लिया था, पर पता नहीं क्या सोचकर वो वापस पटरी की तरफ लौटा, इसी दौरान हादसा हो गया। अनुभव का परिवार नेहरू कॉलोनी के नत्थनपुर में रहता है। वो परिवार में सबसे बड़ा था। पिता आशीष प्राइवेट गाड़ी चलाते हैं। हादसे के बाद इलाके के लोगों में आक्रोश है। लोगों ने कहा कि इस रेलवे ट्रैक से हर दिन कई बच्चे गुजरते हैं, पर पटरी के दोनों तरफ सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए। पटरी पार करने के लिए फुट ओवर ब्रिज बना है, पर ये किसी काम का नहीं। क्योंकि ओवरब्रिज पर सीढ़ियां ना बनाकर रैंप बने हैं, जिस पर चढ़ना आसान नहीं है। बच्चों और बुजुर्गों को इस पर चलने में परेशानी होती है। ओवरब्रिज बनने के बाद यहां से फाटक भी हटा दिया गया। फाटक ना होने से ट्रेन के आने का पता नहीं चलता। इस बारे में जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की गई, पर कोई सुनने को तैयार नहीं। यहां रेलवे फाटक होता, सुरक्षा के इंतजाम होते, तो शायद मासूम अनुभव की जान ना जाती।