चमोली: उत्तराखंड, मां नंदा का मायका... गुरुवार को इसी उत्तराखंड के चमोली में एक अनोखा नजारा देखने को मिला। सैकड़ों श्रद्धालु वेदनी कुंड और बालपाटा में मां नंदा को विदाई देने आए थे। मौका था विश्व प्रसिद्ध नंदादेवी लोकजात यात्रा का, जो वेदनी कुंड और बालपाटा में संपन्न हुई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भीगी पलकों से मां नंदा देवी की डोली को विदाई दी। बालपाटा पहुंचने से पहले मां नंदा की डोली जिले के 7 विकासखंडों के 800 से ज्यादा गांवों से गुजरी। नंदा सप्तमी के दिन देवी की डोली अंतिम पड़ाव गैरोली पातल से वेदनी बुग्याल में स्थित वैदनी कुंड पहुंची। मां नंदा राज राजेश्वरी के साथ ही उनकी छोटी बहन मां नंदा देवी की डोली भी अपने अंतिम पड़ाव रामणी गांव से बालपाटा पहुंची। वेदनी और बालपाटा में देव डोलियों ने अग्निकुंड की परिक्रमा की। बाद में मां नंदा की डोली को नियत स्थान पर रखा गया। श्रद्धालुओं ने मां नंदा को ककड़ी, अखरोट के साथ श्रृंगार का सामान भेंट किया।